राज्यसभा की समितियों में निजी कर्मियों को शामिल करने को कांग्रेस ने बताया अभूतपूर्व
नई दिल्ली (आईएएनएस)| कांग्रेस ने राज्यसभा की समितियों में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के निजी स्टाफ की नियुक्ति को 'अभूतपूर्व' करार दिया है और कहा है कि यह मौजूदा कर्मचारियों में विश्वास की कमी को दर्शाता है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को कहा, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ स्थायी समितियों में अपने कर्मचारियों की नियुक्ति करते हैं, हां यह अभूतपूर्व है। लेकिन दिया गया स्पष्टीकरण अनुचित है। क्या यह सभापति की राज्यसभा सचिवालय के मौजूदा कर्मचारियों में विश्वास की कमी नहीं दर्शाता?
कांग्रेस के लोकसभा सांसद मनीष तिवारी ने कहा, उपराष्ट्रपति काउंसिल ऑफ स्टेट्स के पदेन अध्यक्ष हैं। वे उपाध्यक्ष या उपाध्यक्षों के पैनल की तरह सदन के सदस्य नहीं हैं। वह संसदीय स्थायी समितियों पर व्यक्तिगत कर्मचारियों की नियुक्ति कैसे कर सकते हैं? क्या यह संस्थागत तोड़फोड़ के समान नहीं होगा?
राज्यसभा सचिवालय के मंगलवार को जारी आदेश के अनुसार उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के निजी स्टाफ को संसदीय समितियों से संबद्ध कर दिया गया है।
अटैचमेंट 12 स्थायी समितियों और स्थायी समितियों से जुड़े आठ विभागों में है।
मंगलवार के आदेश के अनुसार, निम्न अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से और अगले आदेश तक उनके नाम के सामने उल्लिखित समिति के साथ संलग्न किया गया है।
उपराष्ट्रपति के ओएसडी, राजेश एन नाइक को व्यापार सलाहकार समिति में संलग्न किया गया है, जो संसद के कामकाज और सामान्य प्रयोजन समिति और गृह मामलों की समिति को तय करती है।
एक अन्य ओएसडी अभ्युदय सिंह शेखावत को सदन की उस कमेटी से अटैच किया गया है, जो सांसदों को आवास आवंटित करती है, साथ ही उन्हें याचिका और स्वास्थ्य समिति से अटैच किया गया है।
कौस्तुभ सुधाकर भालेखर परिवहन, पर्यटन, नियम समिति से संबद्ध हैं। दिनेश डी. को कार्मिक एवं विधि समिति से संबद्ध किया गया है।
अधीनस्थ विधान, महिला एवं शिक्षा समिति में वरिष्ठ निजी सचिव अदिति चौधरी को भी जगह दी गई है।
उपराष्ट्रपति के एपीएस संजय वर्मा को सरकारी आश्वासन समिति में अटैच किया गया है। वहीं वाणिज्य समिति में निजी सचिव सुजीत कुमार हैं।