कांग्रेस और पीके के अपने-अपने दावे, नवजोत सिद्धू ने प्रशांत किशोर को बताया अपना दोस्त

Update: 2022-04-27 01:47 GMT

दिल्ली। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) की कांग्रेस में एंट्री फिर एकबार कैंसिल हो गई। कांग्रेस के साथ पीके की डील पर मुहर नहीं लगने को लेकर कई कारण बताए जा रहे हैं। इसमें सबसे अहम पार्टी अध्यक्ष के तौर पर राहुल की जगह प्रियंका का चुनाव और पार्टी में बेहिसाब दखलअंदाजी है। सोनिया गांधी द्वारा राजनीतिक चुनौतियों से निपटने के लिए बनाए गए 'एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप 2024' की स्थापना के एक दिन बाद कांग्रेस ने पीके को समूह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। एआईसीसी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा, "प्रशांत किशोर के साथ चर्चा के बाद कांग्रेस प्रमुख ने उन्हें जिम्मेदारी के साथ समूह के हिस्से के रूप में पार्टी में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने मना कर दिया। हम उनके प्रयासों और सुझावों की सराहना करते हैं।"

असहमति को लेकर दोनों पक्षों द्वारा अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। कांग्रेस का कहना है कि उन्हें "परिभाषित जिम्मेदारी" दी जा रही है। वहीं, प्रशांत किशोर ने दावा किया कि उन्हें चुनावों की जिम्मेदारी लेने के लिए कहा गया था। यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस एआईसीसी के साथ-साथ कांग्रेस प्रमुख के कार्यालय के पुनर्गठन की मांग वाले उनके बड़े सुधारों को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं थी। पीके को चुनावी रणनीति तक ही सीमित रखना चाहती थी।

प्रशांत किशोर ने हमेशा सुझाव दिया कि पार्टी को निर्णय लेने की प्रक्रिया को तेज करने की जरूरत है। चुनाव प्रबंधन और संगठनात्मक प्रबंधन की भी बात की गई। प्रशांत किशोर सुधारों को लागू करने में भी खुली छूट चाहते थे, जो कांग्रेस के कई दिग्गजों को अस्वीकार्य था। बिहार, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर जैसे प्रमुख राज्यों में पुराने सहयोगियों को खत्म करने और पार्टी नेतृत्व पर गठबंधन के मामलों पर उनके विचारों ने एक और चौंकाने वाली बात कही है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने दावा किया कि प्रशांत किशोर दो अलग-अलग लोगों को पीएम उम्मीदवार और पार्टी प्रमुख के रूप में चाहते थे। वह प्रियंका गांधी वाड्रा को कांग्रेस अध्यक्ष बनाना चाहते था, जबकि पार्टी चाहती है कि राहुल गांधी फिर से अध्यक्ष बनें। कांग्रेस और प्रशांत किशोर की सोच की खाई चौड़ी थी। इस बीच प्रशांत किशोर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से मिले और टीआरएस के साथ आईपीएसी द्वारा स्थापित एक फर्म ने अनुबंध पर हस्ताक्षर किया।

मंगलवार को कांग्रेस और प्रशांत किशोर के बीच बातचीत टूटने की घोषणा के बाद पार्टी के नात नवजोत सिद्धू ने पीके के साथ एक तस्वीर पोस्ट की। इसमें उन्हें "पुराना दोस्त" कहा गया। किशोर के साथ एक सेल्फी के साथ उन्होंने ट्वीट किया, "मेरे पुराने दोस्त पीके ... पुरानी शराब, पुराने सोने और पुराने दोस्तों के साथ शानदार मुलाकात हुई।"


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