कन्फ्यूजन: बेटा कोविड हॉस्पिटल में पहुंचाता रहा फल, एक दिन बाद मिली ये दुखद खबर

दो दिन के कर्फ्यू के चलते वह हॉस्पिटल नहीं पहुंचा.

Update: 2021-04-24 11:56 GMT

प्रयागराज के रहने वाले एक शख्स ने अपने बुजुर्ग पिता को कोरोना संक्रमित होने के बाद स्वरूपरानी कोविड अस्पताल में भर्ती कराया था. कोविड अस्पताल में अंदर किसी को जाने की इजाजत नहीं है, इसलिए वह पिता के लिए लगातार फल और जूस बाहर से ही पहुंचाता रहा. दो दिन के कर्फ्यू के चलते वह हॉस्पिटल नहीं पहुंचा. इसके बाद जब वह दोबारा अस्पताल पहुंचा, तो उसके पिता के नाम के ही दूसरे मरीज की जानकारी के चलते पूरा कन्फ्यूजन पैदा हो गया.

दरअसल, प्रयागराज के ट्रांसपोर्ट नगर इलाके के रहने वाले बच्चीलाल ने अपने 82 साल के पिता मोतीलाल की 12 अप्रैल को कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद 13 अप्रैल को उन्हें एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया था. 16 और 17 अप्रैल को सप्ताहिक बन्दी की वजह से वो हॉस्पिटल नहीं जा सके, लेकिन जब वो 18 अप्रैल को फिर फल और जूस और कपड़े लेकर अस्पताल पहुंचे और अस्पताल स्टाफ से पिता के बारे में पूछा तो उन्होंने जवाब दिया कि वो ठीक हैं. उन्हें अब बेड नंबर 34 से 9 नम्बर में शिफ्ट कर दिया है.
वहीं एक मरीज का तीमारदार भी वहीं था. उसके पिता को भी 9 नम्बर में शिफ्ट किया गया था, जिसका नाम भी मोतीलाल था, जो बच्चीलाल के पिता का भी नाम था. अब अस्पताल में एक नाम के दो मरीज. बच्चीलाल ने उस तीमारदार से जानकारी ली, तो उसने कहा कि 9 नम्बर में तो मेरे पिता हैं, जब दोनों को शक हुआ तो नर्स को बुलाकर कन्फर्म करना चाहा, तो उसने दूर से एक शीशे से देखने को कहा. जब मरीज मोतीलाल सामने आया तो बच्चीलाल के होश उड़ गए, क्योंकि वो उसके पिता थे ही नहीं.
जब बच्चीलाल ने जानकारी लेने की कोशिश की तो कहा उन्हें अस्पताल के दूसरे तल में भेजा गया है. इधर-उधर भटकने के बाद जानकारी मिली कि 16 अप्रैल को ही दूसरे तल में भेजा गया था और 17 अप्रैल की सुबह करीब 6:30 पर ही उनकी मौत हो गई और उनका अंतिम संस्कार भी किया जा चुका है. अस्पताल प्रशासन ने बच्चीलाल को डेथ सर्टिफिकेट भी दे दिया. बच्चीलाल ने पूछा कि जब नंबर आपके पास था तो आपको जानकारी देनी चाहिए तो जवाब में स्टाफ ने कहा कि हमारे पास आपका नम्बर नहीं था और जो था वो लग नहीं रहा था. 
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