कंप्यूटर टीचर ने 13 बच्चियों के साथ किया सेक्स, बाथरूम में मिला कंडोम

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Update: 2023-05-15 14:40 GMT
शाहजहांपुर। एक कंप्यूटर शिक्षक पर 13 छात्राओं का यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है. इस मामले में स्कूल प्रिंसिपल और एक सहायक शिक्षक के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया. रिपोर्ट्स के अनुसार दोनों पर कंप्यूटर शिक्षक को समर्थन के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं स्कूल के बाथरूम में आपत्तिजनक सामान मिले हैं. पूरा मामला शाहजहांपुर जिले का है. इस मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी कुमार गौरव का कहना है कि प्रधान शिक्षक और सहायक शिक्षक को निलंबकित कर दिया गया है और उनके खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश दिए घए हैं.
इसके अलावा पुलिस ने अभिभावकों को मौजूदही में सभी छात्राओं के बयान दर्ज किए हैं और कंप्यूटर शिक्षक को जेल भेज दिया गया है. वहीं छात्राओं का आरोप है कि कंप्यूटर के शिक्षक उन्हें गलत तरीके से छूते थे. लड़कियों को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल भेजा गया है. दरअसल लड़कियों ने अपने माता-पिता को बताया था कि उनके स्कूल में कंप्यूटर पढ़ाने वाले शिक्षक उन्हें गलत तरीके से छूते हैं. एक दिन अभिभावकों ने स्कूल में छापा मारा और जब वह खोजते हुए शौचालय पहुंचे तो वहां से कुछ अनुचित वस्तुएं बरामद हुईं.
ददरौल प्रखंड के एक सरकारी स्कूल में हाईस्कूल की छात्राओं का यौन शोषण करने का मामला सामने आया है। मामले की जानकारी मिलते ही लोगों में सनसनी फैल गई। स्कूल का कंप्यूटर टीचर छात्राओं को शौचालय में ले जाकर शारीरिक शोषण करता था। पुलिस ने स्कूल के शौचलाय से इस्तेमाल किए गए कंडोम बरामद किए हैं। कंडोम की संख्या को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि टीचर काफी समय से छात्राओं का शोषण कर रहा था। अभी तक की जांच में पता चला कि 13 नाबालिग छात्राओं से टीचर ने संबध बनाए थे। सभी छात्राएं दलित हैं। यौन शोषण का शिकार हुई एक छात्रा ने पहले अपने माता-पिता को कंप्यूटर शिक्षक की हरकतों के बारे में बताया। कहा कि टीचर गंदे तरीके से हमें छूता है। इसके बाद ग्राम प्रधान ने पुलिस से शिकायत की और मामला खुला। आरोपी कंप्यूटर शिक्षक मोहम्मद अली के साथ ही प्रधानाध्यापक अनिल कुमार और सहायक शिक्षिका साजिया पर मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने आरोपी कंप्यूटर टीचर मोहम्मद अली को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने कहा कि तीनों आरोपियों पर एससी-एसटी एक्ट और पोक्सो अधिनियम के तहत धाराएं लगाई गई हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) कुमार गौरव ने बताया कि सोमवार को 50 लड़कियों सहित 112 छात्रों में से केवल 35% छात्र स्कूल पहुंची थीं। 13 लड़कियों के साथ जो हुआ उसके बाद माता-पिता और छात्राएं डरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि विभाग छात्रों और अभिभावकों की काउंसलिंग करेगा। जब तक हम उनके बीच विश्वास का नहीं पैदा कर पाएंगे, तब तक छात्रों की संख्या में सुधार नहीं होगा। हमें अपने शिक्षकों को भी संवेदनशील बनाना होगा। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ग्राम प्रधान रामपाल ने कहा कि इस घटना ने माता-पिता में दहशत पैदा कर दी है। शिक्षण संस्थानों को छात्रों के लिए सुरक्षित स्थान माना जाता है। दुर्भाग्य से कुछ शिक्षकों ने स्कूल को शर्मसार कर दिया है। एक अन्य ग्रामीण ने कहा कि इस भयानक घटना से गुजरने वाली कुछ लड़कियां शायद ही स्कूल आ सकें। शिक्षक के दुराचार ने उन्हें आहत कर दिया है। इनसे उबरने में थोड़ा समय लगेगा। इस घटना ने उनके आत्मविश्वास को ठेस पहुंचाई है और उन्हें हमेशा लगेगा कि स्कूल भी उनके लिए सुरक्षित जगह नहीं है।
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