सरकारी दफ्तरों में वर्षों से डटे कई बाबू के खिलाफ लगातार हो रही शिकायतें अधिकारी बोले अंगदों के जल्द ही उखड़ेंगे पैर
Complaints are being received continuously against many babus who have been working in government offices for years. Officials said that Angad's legs will be uprooted soon./ सरकारी दफ्तरों में वर्षों से डटे कई बाबू के खिलाफ लगातार हो रही शिकायतें अधिकारी बोले अंगदों के जल्द ही उखड़ेंगे पैर
रायसेन/सिलवानी। जिला मुख्यालय सहित व जिले की तहसील सिलवानी के एसडीएम कार्यालय, तहसील कार्यालय सहित जनपद पंचायत कार्यालय सिलवानी और अन्य सरकारी दफ्तरों में सालों से बाबू की जमात अंगद के पैर की भांति जमी हुई है ।वैसे शासन के नियम अनुसार अधिकारी बाबूओं का कार्यकाल 2 से 3 वर्ष समय का होता है। लेकिन यहां तो 8 से 9 साल और 5 वर्षों से एक ही कुर्सी पर जमे हुए हैं बाबू। बताया जाता है कि बाबू का रुतबा अधिकारियों पर भारी पड़ रहा है ।उनकी राजनीतिक एप्रोच मजबूत होने की वजह से जरा सा भी टस नहीं हो रहे हैं । जिला मुख्यालय पर जिला स्वास्थ्य विभाग, अस्पताल तहसील कार्यालय एसडीएम ऑफिस जिला पंचायत खनिज विभाग कृषि विभाग, जिला शिक्षा विभाग डीपीसी कार्यालय रायसेन लोक निर्माण विभाग आदि डिपार्टमेंट में भी सालों से जमे हुए हैं।
सरकारी दफ्तरों में वर्षों से डटे कई बाबू के खिलाफ लगातार हो रही शिकायतें अधिकारी बोले अंगदों के जल्द ही उखड़ेंगे पैरकुछ मलाईदार पदों पर कुर्सी पर जमे बाबुओं ने जमकर घपले घोटाले कर जमकर चल अचल संपत्ति बना ली है।वैसे शासन के नियम अनुसार हर एक बाबू और अधिकारी कर्मचारियों का कार्यकाल शासन के नियम अनुसार 2 से 3 सालों का होता है ।लेकिन वह वर्षों से एक ही कुर्सी पर जमे हुए हैं ।इन बाबुओं द्वारा की गईं गंभीर वित्तीय अनियमितताओं और भारी गड़बड़ी की कई शिकायत है ।इनकी गड़बड़झाले की शिकायतें जिम्मेदार अधिकारियों से भी की गईं।इतना ही नहीं जनप्रतिनिधियों उच्च आला अधिकारियों से भी लगातार शिकायतें की जा चुकी है ।लेकिन बावजूद इसके वह अंगद के पैर की भांति जमे हुए हैं यह बाबू ।इन दफ्तरों में सालों से जमकर मलाईदार पदों पर बैठकर चांदी काट रहे हैं ।कुछ बाबू ऐसे भी इन सरकारी दफ्तर में नौकरी ज्वाइन कर बाबू के पद पर पद स्थापना से लेकर तबादले एक बार नहीं दो -दो बार हो चुके हैं ।इसके बाद भी तबादले निरस्त करवा कर दोबारा से कुर्सी पर जमे हुए हैं।भरोसेमंद सूत्रों से पता चला है कि इन बाबुओं की अच्छी मजबूत पकड़ अधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से है। इसलिए वह हर बार तबादले की नीति से बच जाते हैं।