निर्वाचन आयोग से शिकायत, अमित शाह ने चुनाव प्रचार में तोड़े कोरोना नियम
की गई ये मांग।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Vidhansabha Chunav 2022) को जीतने के लिए सभी पार्टियां कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं। ऐसे में बीजेपी को दोबारा सत्ता में लाने के लिए गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने शनिवार को शामली के कैराना में डोर-टू-डोर प्रचार (door to door campaign) किया। इस दौरान उन्होंने लोगों को बीजेपी प्रत्याशी के लिए वोट करने की अपील से जुड़े पर्चे भी बांटे। गृहमंत्री अमित शाह ने अपने कैंपेन के दौरान न ही मास्क लगाया और न ही कोरोना को लेकर चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन किया था, जिसको लेकर अब समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग (Election Commission) से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है।
चुनाव आयोग ने प्रचार के लिए डोर टू डोर कैंपेन की अनुमति दे रखी है। इस दौरान पहले तक सिर्फ 5 लोगों को कैंपेन के दौरान प्रचार करने की अनुमति थी, लेकिन बाद में इस संख्या को बढ़ाकर 10 कर दी गई, लेकिन अमित शाह के डोर टू डोर कैंपेन के दौरान बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ी थी। इसी को लेकर समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग को दिए शिकायती पत्र में लिखा है कि शामली के कैराना सहित कई विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा आदर्श आचार संहिता व कोविड नियमों के विरुद्ध 10 लोगों से अधिक संख्या में भीड़ के साथ चुनाव प्रचार किया जा रहा है, जोकि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के विपरीत है, इससे चुनाव प्रभावित हो रहा है। इसको लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर इसके विरुद्ध सख्त निर्देश जारी करने एवं उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
इसको लेकर सपा प्रवक्ता मनोज काका ने कहा कि चुनाव आयोग से निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि देश सर्वोच्च पद पर बैठे माननीय अमित शाह जी कितने लोगों के साथ गलियों में घूम रहे हैं। कोई व्यक्ति मास्क नहीं लगाया है, स्वयं उन्होंने भी नहीं लगाया तो क्या महामारी ऐक्ट में उन पर नहीं लागू होता है। क्या उन्होंने खुलेआम उल्लंघन नहीं किया? उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा एक तरफ बीजेपी के लोग रैलियां और सभाएं कर रही है और दूसरी तरफ हमारे पार्टी कार्यालय पर नोटिस चस्पा कर दी जा रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की ओर से टीवी चैनल पर दिखाए जा रहे ओपिनियन पोल पर यथा शीघ्र रोक लगाई जाने की मांग भी चुनाव आयोग से की है।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Election 2022) का ऐलान चुनाव आयोग ने 8 जनवरी को किया। 403 सीटों वाली 18वीं विधानसभा के लिए 10 फरवरी से 7 मार्च तक सात चरणों में वोट पड़ेंगे। 10 मार्च को चुनाव के नतीजे (UP Election results) आएंगे। यूपी में सात चरणों (Seven Phase) के तहत 10 फरवरी, 14 फरवरी, 20 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को मतदान (Voting) होगा।
10 फरवरी को पहले चरण (First Phase) में पश्चिम यूपी के 11 जिलों की 58 सीटों पर, दूसरा चरण (Second Phase) 14 फरवरी को 9 जिलों की 55 सीटों पर, 20 फरवरी को तीसरे चरण (Third Phase) में 16 जिलों की 59 सीटों पर मतदान होगा। चौथे चरण (Fourth Phase) में मतदान 23 फरवरी को लखनऊ सहित 9 जिलों की 60 सीटों पर होगा। पांचवे चरण (Fifth Phase) में 27 फरवरी को 11 जिलों की 60 सीटों पर, छठे चरण में 3 मार्च को 10 जिलों की 57 सीटों पर और सातवें (Seventh Phase) और अंतिम चरण (Last Phase) का मतदान 7 मार्च को 9 जिलों की 54 सीटों पर किया जाएगा। 17वीं विधानसभा का कार्यकाल (UP Assembly ) 15 मई तक है।
17वीं विधानसभा के लिए 403 सीटों पर चुनाव 11 फरवरी से 8 मार्च 2017 तक 7 चरणों में हुए थे। उस चुनाव में बीजेपी ने 312 सीटें जीतकर पहली बार यूपी विधानसभा (Uttar Pradesh Vidhansabha) में तीन चौथाई बहुमत हासिल किया। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की अगुवाई में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और कांग्रेस (Congress) गठबंधन 54 सीटें जीत सका। इसके अलावा प्रदेश में कई बार मुख्यमंत्री रह चुकीं मायावती (Mayawati) की बीएसपी (Bahujan Samaj Party) 19 सीटों पर सिमट गई। इस बार सीधा मुकाबला समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और भाजपा (Bharatiya Janata Party) के बीच माना जा रहा है। भाजपा योगी आदित्यनाथ ( Yogi Adityanath) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के चेहरे को आगे कर चुनाव लड़ रही है।