पत्र में उन्होंने आगे लिखा, “मौलाना मुसलमानों से उन मुसलमानों का बहिष्कार करने के लिए कह रहे हैं जो भाजपा को वोट देते हैं। मौलाना सज्जाद नोमानी ने अपने भाषण में कहा, ऐसे लोगों से सलाम ठोकना चाहिए, मस्जिदों को वोट देने के साथ दे रहे हो, कह दो हमारा नाम अब मुसलमानों का नाम नहीं है, हम आज से गुलाम हैं। मौलाना सज्जाद नोमानी ने एक अन्य भाषण में मुसलमानों से वोट जिहाद की भी अपील की है। हम उचित कार्रवाई करने का अनुरोध करते हैं।”
किरिट सोमैया चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी की बात लगातार कर रहे हैं। उन्होंने 11 नवंबर को एक प्रेस कांफ्रेंस में दावा किया था कि सिर्फ चार दिन में 125 करोड़ रुपये से अधिक रकम कुछ अकाउंट में जमा किए गए। उन्होंने कुछ सबूतों के जरिए अपनी बात को स्पष्ट भी किया था। उन्होंने कहा, "मालेगांव में सिराज अहमद और मोईन खान नाम के शख्स ने मिलकर दो दर्जन बेनामी अकाउंट एक कॉपरेटिव बैंक में खोले, जिसमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश समेत अलग-अलग राज्यों में मौजूद ब्रांचों से इन बेनामी अकाउंट में पैसे भेजे गए।" "सिर्फ चार दिन में 125 करोड़ रुपये से अधिक रकम इन अकाउंट में जमा की गई। इसके बाद सिराज अहमद और मोईन खान ने अलग-अलग 37 अकाउंट में वापस पैसे ट्रांसफर किए और फिर इसे निकाल भी लिया गया। कुल मिलाकर 2,500 बैंक ट्रांजेक्शन किया गया, जिसमें 125 करोड़ पैसे भेजे गए और इतने ही निकाल भी लिए गए।"
चर्चा में वो 17 मांगें भी हैं जो उलेमा बोर्ड की ओर से रखी गई। उलेमा बोर्ड ने अपने पत्र में कहा था कि वो आगामी विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी गठबंधन को समर्थन देने के लिए तैयार है। लेकिन, उसकी एक शर्त है कि जब महाविकास अघाड़ी सत्ता में आ जाए, तो उसकी मांगों को पूरा करे। इस पर महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पत्र लिखकर कहा कि उसे ये सभी मांगें मान्य हैं। उलेमा बोर्ड के अध्यक्ष नायब अंसारी ने इस पत्र को अपने सोशल मीडिया फेसबुक पर 31 अक्टूबर को सार्वजनिक किया था।