कलेक्टर ने 5 तहसीलदार और 13 नायब तहसीलदार को थमाया नोटिस, काम पेंडिंग रखने के आरोप
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यूपी। गोंडा जिले में राजस्व वादों के समय पर निस्तारण में हो रही देरी को गंभीरता से लेते हुए तहसील अफसरों पर सख्त कार्रवाई की गई है। डीएम नेहा शर्मा ने पांच तहसीलदार और 13 नायब तहसीलदार को नोटिस जारी किया है। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी लंबित वादों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित किया जाए अन्यथा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उप जिलाधिकारियों को भी ऐसे मामलों की निगरानी करते हुए शीघ्र समाधान के निर्देश दिए गए हैं। डीएम नेहा शर्मा ने कहा कि तहसील अफसरों को वादों का तय समय में निस्तारण करने के निर्देश दिए गए हैं। इसका पालन न करने वाले कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
इन अफसरों को नोटिस जारी उप्र भू-राजस्व संहिता की धारा 34 (जो नामांतरण से संबंधित) के तहत देरी को लेकर 20 अधिकारियों को नोटिस जारी किए गए हैं। डीएम ने 45 दिन से अधिक पुराने मामलों को सर्वोच्च प्राथमिकता पर निपटाने का निर्देश दिया।
जिन अधिकारियों को नोटिस मिला है, नायब तहसीलदार कटरा बाजार अनु सिंह, नायब तहसीलदार करनैलगंज अल्पिका वर्मा, नायब तहसीलदार परसपुर सुभद्र प्रसाद, नायब तहसीलदार हलधरमऊ राम प्रताप पाण्डेय, तहसीलदार करनैलगंज मनीष कुमार, नायब तहसीलदार देवेन्द्र यादव खरगूपुर, तहसीलदार गोण्डा रंजन वर्मा, नायब तहसीलदार धानेपुर अहमद हसन, नायब तहसीलदार बिरवा अतुल कुमार पाल, नायब तहसीलदार डिक्सिर अनुराग पाण्डेय, नायब तहसीलदार नवाबगंज सन्तोष कुमार यादव, नायब तहसीलदार बेलसर जय शंकर सिंह, तहसीलदार न्यायिक तरबगंज अनीश सिंह, नायब तहसीलदार बभनीपायर चन्दर जायसवाल, नायब तहसीलदार मनकापुर अनिल कुमार तिवारी और तहसीलदार मनकापुर सत्यपाल सिंह भी शामिल हैं। भूमि के बंटवारे से संबंधित तीन महीने से अधिक लंबित मामलों के समाधान के लिए आठ वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र जारी किया गया है। सभी से 31 जनवरी तक लंबित मामलों की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।