चेन्नई (आईएएनएस)| तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले के नाइकनपालयम गांव के लोगों में राजस्व विभाग द्वारा ईंट भट्ठों को दोबारा खोलने के कदम के खिलाफ भारी नाराजगी है। अदालत के आदेश के बाद बंद इन ईंट भट्ठों को बंद किया गया था। ग्रामीण अदालत की अवमानना याचिका दायर करने के लिए मद्रास उच्च न्यायालय जाने की तैयारी कर रहे हैं।
राजस्व विभाग की एक हालिया अधिसूचना में कहा गया है कि अगर ग्रामीणों को क्षेत्र में 17 ईंट भट्टों को खोलने पर कोई आपत्ति है तो वे 15 दिन के भीतर पेरियानाइकनपालयम राजस्व अधिकारी या कोयम्बटूर उत्तरी राजस्व तहसीलदार से संपर्क कर सकते हैं। यदि कोई आपत्ति नहीं मिली तो अनुमति दे दी जाएगी।
इस अधिसूचना ने ग्रामीणों को नाराज कर दिया क्योंकि मजिस्ट्रेट अदालत ने ग्रामीणों द्वारा एक जनहित याचिका के बाद क्षेत्र में 35 ईंट भट्ठों को बंद करने का आदेश दिया था। नाइकनपालयम के एक किसान सौंदराजन ने आईएएनएस से कहा, हमारे अथक प्रयास के बाद अदालत ने क्षेत्र में 35 ईंट भट्टों को बंद करने का आदेश दिया था और बिजली कनेक्शन भी काट दी थी। अब 17 पुराने ईंट भट्ठा मालिक नया आवेदन दाखिल करके भट्ठों को फिर से खोलने का प्रयास कर रहे हैं। राजस्व विभाग ने एक अधिसूचना जारी की है जिसमें कहा गया है कि हम अधिसूचना प्राप्त होने के 15 दिन के भीतर राजस्व अधिकारियों के सामने पेश हों अन्यथा अनुमति दे दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण मद्रास उच्च न्यायालय में अदालत की अवमानना याचिका दायर करेंगे। स्थानीय लोगों का मानना है कि अगर ईंट भट्ठों को चलने दिया गया तो लाखों लीटर भूजल समाप्त हो जाएगा और जमीन रेगिस्तान में बदल जाएगी।