थर्मल प्लांटों में कोयला संकट, गोइंदवाल साहिब प्लांट में कोयला खत्म

Update: 2022-04-19 16:03 GMT

पंजाब में बिजली संकट गहराने के आसार बन गए हैं। इसकी वजह थर्मल प्लांटों का कोयला संकट है। पंजाब के गोइंदवाल साहिब प्लांट में कोयला खत्म हो गया है। वहां बिजली उत्पादन पूरी तरह ठप हो गया है। तलवंडी साबो थर्मल प्लांट में भी सिर्फ 4 दिन का कोयला बचा है। वहीं लेहरा मुहब्बत थर्मल प्लांट में 7, रोपड़ थर्मल प्लांट में 11 दिन और राजपुरा में भी 21 दिन का कोयला बचा है। जल्द कोयला संकट दूर नहीं हुआ तो पंजाब में घंटों बिजली कट के साथ ब्लैकआउट की नौबत आ सकती है। हालांकि पंजाब के बिजली मंत्री हरभजन सिंह ने दावा किया कि कोयले की कमी नहीं आने दी जाएगी।

कहां कितना बिजली उत्पादन
बंद हुए गोइंदवाल थर्मल प्लांट में 540 मेगावाट बिजली उत्पादन होता है। वहीं राजपुरा थर्मल प्लांट में 1400 मेगावाट और तलवंडी साबो थर्मल प्लांट में 1980 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है। यह तीनों प्राइवेट थर्मल प्लांट हैं। वहीं सरकारी रोपड़ थर्मल प्लांट में 840 मेगावाट और लेहरा मुहब्बत में 1925 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है।
गर्मी और आगे पैडी सीजन से बढ़ेगा संकट
पंजाब में बिजली संकट बढ़ सकता है। गर्मी की शुरूआत में ही थर्मल प्लांट बंद होने लगे हैं। ऐसे में लोगों को गर्मी झेलनी पड़ सकती है। जून महीने से पैडी सीजन भी शुरू होना है। उस वक्त किसानों को धान की बिजाई के लिए बिजली की जरूरत होगी। सरकार ने अभी कोई इंतजाम नहीं किया तो आगे समस्या बड़ी हो सकती है।
पिछले साल झेलना पड़ा ब्लैकआउट
पंजाब में पिछले साल अक्टूबर महीने में पंजाबियों ने बिजली संकट झेला। कोयले की कमी की वजह से प्राइवेट थर्मल प्लांटों में बिजली उत्पादन ठप हो गया था। भीषण गर्मी में लोगों को 24 घंटे में करीब 8 से 12 घंटे के कट झेलने पड़े। किसानों को भी बिजली नहीं मिली। उस वक्त कांग्रेस सरकार के CM रहे चरणजीत चन्नी हालात नहीं संभाल सके। अब नए CM भगवंत मान के लिए यह बड़ी चुनौती खड़ी हो रही है।
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