लखनऊ: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 के पहले यूपी बोर्ड नकल के लिए बदनाम था। हमारी सरकार ने नकल विहीन परीक्षा व्यवस्था लागू की। उन्होंने कहा कि नकल माफिया समाज के सबसे बड़े दुश्मन हैं। नकल कराकर शिक्षण संस्थानों को अपवित्र करने वाले नकल माफिया का सामाजिक बहिष्कार करना चाहिए। मुख्यमंत्री योगी ने बुधवार को लोकभवन में आयोजित मेधावी विद्यार्थियों के सम्मान एवं टैबलेट वितरण कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने इन्होंने विभिन्न बोर्ड परीक्षाओं में सफलता अर्जित करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी। प्रशासन भी नकल माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।
सीएम योगी ने कहा कि छह वर्ष पहले प्रदेश में तीन महीने तक परीक्षाएं होती थीं। 2 से 3 महीने में परिणाम आते थे। तीन महीने अगली कक्षा के प्रवेश में लग जाते थे तो तीन माह का समय पर्व और त्योहारों में चला जाता थे। शिक्षण संस्थानों में पठान और पठन कम ही देखने को मिलता था। उन्होंने कहा कि यूपी के माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने ऐसा पहली बार किया है कि 15 दिन के अंदर परीक्षा हुई है और 14 दिन के अंदर परिणाम भी आ गया।
सीएम योगी ने कहा कि 2017 के पहले प्रदेश के विद्यालयों में पर्याप्त मात्रा में शिक्षक नहीं थे। हमारी सरकार ने छह वर्ष में बेसिक और माध्यमिक शिक्षा परिषद के 1 लाख 62 हजार से अधिक शिक्षकों की पारदर्शी तरीके से चयन की प्रक्रिया को पूरी करते हुए उन्हें नियुक्ति पत्र भी दिया। इतने शिक्षकों की सरकारी नियुक्ति कहीं देश भर में नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद ने ऑपरेशन कायाकल्प माध्यम से 1 लाख 33 हजार विद्यालयों को बहुत अच्छा विद्यालय बनाया है।
योगी ने कहा कि छात्रों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए हम दो करोड़ युवाओं को टैबलेट स्मार्टफोन दे रहे हैं। जिन अभिभावकों, छात्रों के पास कोचिंग के लिए पैसे नहीं हैं, उसके लिए अभ्युदय कोचिंग की स्थापना की गयी है। इस कोचिंग के माध्यम से इस वर्ष की सिविल परीक्षाओं में 23 बच्चे सेलेक्ट हुए। इसी तरह यूपीपीएससी की परीक्षा में भी 98 छात्र सफल हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बालिकाओं के लिए मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना चल रही है। विद्यालयों को इस बारे में लोगों को जागरूक करना चाहिए जिससे बड़ी संख्या में बालिकाएं इस सुविधा का लाभ ले सकें।
सीएम योगी ने कहा कि शिक्षा विभाग तकनीक का उपयोग करते हुए प्रदेश भर में शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति लाने का प्रयास कर रहा है उसके बहुत अच्छे परिणाम आने वाले समय में आएंगे।
उन्होंने कहा कि बच्चों के अंदर खेलकूद के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है। आज स्कूल और कॉलेजों में ड्रॉप आउट रेट कम हुआ है। बोर्ड परीक्षाओं में प्रतिभाग करने वाले विद्यार्थियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिखी गई पुस्तक एग्जाम वॉरियर्स जरूर पढ़नी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत एक मात्र देश है जिसने कोरोना चुनौती के बीच भी नए अवसर निकाले हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी उसी दौर का परिणाम है। हमारे शिक्षण संस्थानों को हर हाल में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करनी चाहिए, जिससे छात्रों का भविष्य उज्जवल हो सके।
इस मौके पर प्रदेश भर के कुल 1745 मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया है। मेधावियों को एक लाख रुपये, टैबलेट, मेडल और प्रशस्ति पत्र दिया गया। साथ ही 18 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के भवनों व 125 विज्ञान प्रयोगशालाओं का लोकार्पण भी किया गया।