लखनऊ: यूपी विधानसभा में भले ही इस समय बजट सत्र चल रहा हो लेकिन छाए हुए हैं 'चाचा शिवपाल'. इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि एक तो शिवपाल यादव सपा की टिकट से विधायक बने हैं और विपक्ष की तरफ बैठकर तारीफ सीएम योगी आदित्यनाथ कर रहे हैं. इसका नतीजा ये रहा कि शुक्रवार को सीएम योगी आदित्यनाथ जब सदन को संबोधित कर रहे थे तो भी शिवपाल का जिक्र करना नहीं भूले.
सीएम योगी ने विपक्ष के नेता अखिलेश यादव की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि आपके काम से आपकी पहचान होती है. जब समाजवाद की बात होती है तो लोहिया जी की बात होती है. लेकिन अब तो लोहिया जी पर कभी-कभी शिवपाल जी की ही लेखनी पढ़ने को मिलती है. सीएम योगी ने कहा कि आपको लोहिया जी को पढ़ना चाहिए.
सीएम योगी ने कहा, 'आप हम पर लेबल लगाते हैं.. आप राष्ट्रवादी हैं...अच्छा है हम राष्ट्रवादी हैं.चूहा बनने की बजाय राष्ट्रवादी बनना श्रेयष्कर है. हमको एक लंबी यात्रा तय करनी है. इसके बाद सीएम योगी ने इशारों-इशारों में ही शिवपाल का जिक्र किया और कहा, 'आप पास-पास होकर भी साथ-साथ नहीं हैं. यही आपकी कमी है. हम साथ-साथ हैं और पास-पास भी हैं.'
सीएम योगी की ये बात सुनकर सपा नेता अखिलेश यादव भी खुद को रोक न सके और जवाब देने में देर न लगाई. उन्होंने शिवपाल का बिना नाम लिए कहा, ' अभी तक वो मेरे चाचा थे लेकिन अब वो नेता सदन के भी चाचा हो गए हैं'. बता दें कि इस सपा के टिकट से विधायक चुनकर आए शिवपाल यादव पहले बयानों से पार्टी के लिए मुश्किल खड़ी रहे हैं लेकिन अब सदन में भी वह अपनी ही पार्टी को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं.
गुरुवार को ही शिवपाल ने विधानसभा में कहा कि अगर सपा के लोग हमारा साथ लेते तो आज सत्ता में होते और भाजपा वाले विपक्ष में होते. शिवपाल ने कहा, 'हमने पार्टी बनाई... 100 सीटों पर तैयारी भी की थी लेकिन कुछ भी नहीं हुआ. खास बात ये रही है कि जब शिवपाल के भाषण के दौरान बीजेपी विधायक उनके लिए मेजें थपथपा रहे थे.
शिवपाल को लेकर सपा गठबंधन के लिए सदन में असहज की स्थिति नजर आ रही है. वहीं समाजवादी पार्टी के सहयोगी दल के नेता ओपी राजभर का इस पर कहना है, 'अगर चाचा अगर उम्रदराज हैं तो वह किसी के भी चाचा हो सकते हैं इसमें कैसी आपत्ति है. जहां तक 100 टिकट देने की बात है तो वह समय बीत गया. अब आगे के बारे ने देखना होगा. बीती बात बिसार दे अब आगे की देख.