मुंबई: महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार में आपसी मतभेद की खबरें सामने आ रही हैं। हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों का कहना है कि भाजपा के प्रति एनसीपी के नरम रुख को लेकर उद्धव ठाकरे चिंतित हैं और उन्होंने इस मामले में शरद पवार से भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि भाजपा जांच एजेंसियों के जरिए गठबंधन के नेताओं को निशाना बना रही है।
सेना के सूत्रों के मुताबिक कई ऐसे मौके गिनाए गए जब एनसीपी को भाजपा पर हमलावर होना चाहिए थे लेकिन वह बैकफुट पर आ गई। मुंबई पुलिस ने भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस को फोन टैपिंग मामले में साइबर विंग केबीसी ऑफिस में हाजिर होने को कहा था, हालांकि मुंबई पुलिस ने 13 मार्च को अपना फैसला बदल दिया। इसके बाद पुलिस ने फडणवीस के घर पर जाकर उनका बयान लिया। गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी एनसीपी नेता के पास है और इसी मंत्रालय के अंतरगत पुलिस विभाग आता है।
नवाब मलिक की गिरफ्तारी के बाद जब शिवसेना, भाजपा और एनसीपी के बीच जुबानी जंग शुरू हुई तो इसी बीच उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कह दिया कि यह समय दोनों पक्षों के शांति बनाए रखने का है। ऐसी अनेक घटनाएं हैं जिनका जिक्र शिवसेना की तरफ से किया गया।
पिछले साल स्पीकर से हाथापाई के आरोप में 12 भाजपा विधायकों को निलंबित किया गया था। इस पर भी अजीत पवार ने कहा था कि विधायकों को कुछ घंटों या कुछ दिनों की सजा दी जा सकती है लेकिन एक साल के लिए सस्पेंड कर देना उचित नहीं है। वहीं एनसीपी नेता मजीद मेमन ने हाल ही में ट्वीट करके प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की और कहा कि जनता ने नरेंद्र मोदी को जनादेश दिया है। उनके अंदर कुछ अच्छे गुण जरूर होंगे जिनके बारे में विपक्ष को पता नहीं है।