सीएम स्टालिन ने किया ऐलान, कृषि कानूनों के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव लाएगी सरकार

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन

Update: 2021-05-26 10:41 GMT

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (MK Stalin) ने बुधवार को कहा कि सरकार राज्य विधानसभा में एक प्रस्ताव लाएगी, जिसमें केंद्र सरकार से तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) को वापस लेने के लिए कहा जाएगा. स्टालिन ने अपनी पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के चुनावी वादे को दोहराते हुए ये घोषणा उस दिन की है, जब किसान आंदोलन को छह महीने पूरे होने को लेकर किसान संगठन आज 'काला दिवस' मना रहे हैं. कांग्रेस शासित पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों की विधानसभाओं ने भी इसी तरह के प्रस्ताव पारित किए हैं.

दरअसल, ये प्रस्ताव DMK के चुनावी वादों में से एक था, जिसने इसी महीने राज्य की सत्ता में वापसी की है. स्टालिन ने इसे चिंता का विषय बताया कि तीनों कृषि कानून पारित हुए छह महीने बीत चुके हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने इस मुद्दे को हल करने के लिए किसानों के साथ बातचीत करने की कोशिश नहीं की और न ही कानूनों को रद्द करने के लिए कोई कदम उठाया है. जबकि तमिलनाडु की पिछली सरकार और भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सहयोगी अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) की ने इन तीनों कानूनों का समर्थन किया था.
इससे पहले, DMK के नेतृत्व वाले धर्मनिरपेक्ष प्रगतिशील गठबंधन ने दिल्ली में प्रदर्शनकारी किसानों के समर्थन में दिसंबर में चेन्नई में एक दिन की भूख हड़ताल भी की थी और कई विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व किया था. हालांकि, तमिलनाडु में कृषि कानून के खिलाफ विरोध उतना नहीं है, जितना देश के अन्य हिस्सों में है.
आंदोलन के छह महीने पूरे होने पर 'काला दिवस'
मालूम हो कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल शुरू हुए किसान आंदोलन को आज छह महीने पूरे हो चुके हैं, जिसे लेकर आज बुधवार को 'काला दिवस' मनाया जा रहा है, जिसे लेकर गाजीपुर बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान इकट्ठा हुए हैं और उनके हाथों में काले झंडे दिख रहे हैं. वहीं, पंजाब में कई किसान अपने घरों की छत और ट्रैक्टर पर काले झंडे लगाकर प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं. 'काला दिवस' के चलते सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षाबल तैनात हैं. बॉर्डरों पर बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें सील कर दिया गया है.
दिल्ली पुलिस के सामने सबसे बड़ी चिंता ये है कि कहीं किसान संगठन 26 जनवरी की तरह ही प्रदर्शन की आड़ में कानून व्यवस्था की धज्जियां न उड़ा दें. केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए तीन कृषि कानूनों में पहला है किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020; दूसरा है मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम, 2020 पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता और तीसरा है आवश्यक वस्तु (संशोधन) है अधिनियम, 2020.
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