अफसरों से सीएम साहब भी त्रस्त, ट्वीट वायरल

पढ़े पूरी खबर

Update: 2023-08-31 01:43 GMT

दिल्ली। दिल्ली सेवा अधिनियम लागू होने के बाद भी दिल्ली सरकार और अधिकारियों के बीच खींचतान थमने नाम नहीं ले रही है। ताजा मामला प्रधान वित्त सचिव आशीष चंद्र वर्मा से जुड़ा है। उन पर आरोप है कि उन्होंने बार-बार कहने पर भी दिल्ली सरकार के आदेशों को नहीं माना। इसी मामले को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया है। केजरीवाल ने ट्वीट में लिखा है कि दिल्ली सेवा अधिनियम ने अधिकारियों को चुनी हुई सरकार के लिखित आदेशों का खुले तौर पर विरोध करने का लाइसेंस दे दिया है। इसी वजह से अधिकारी दिल्ली सरकार के मंत्रियों के आदेशों को मानने से इनकार करने लगे हैं।

इस मामले को लेकर वित्त मंत्री आतिशी का कहना है कि प्रधान वित्त सचिव ने आदेश मानने से इनकार कर दिया है। दो दिन पहले प्रधान वित्त सचिव आशीष चन्द्र वर्मा की 40 पन्नों की चिट्ठी मिली, जिसमें वो कह रहे हैं कि हम चुनी हुई सरकार की बात नहीं मानेंगे। मंत्री ने कहा कि इसी तरह से देश में लोकतंत्र चलता है, लेकिन जीएनसीटीडी एक्ट चुनी हुई सरकार के प्रति अफसरों की जबाबदेही खत्म कर देता है। एक्ट के सेक्शन 45जे अफसरों, मुख्य सचिव या किसी विभाग के सचिव को यह शक्ति देता है कि वो चाहे तो चुनी हुई सरकार के मंत्री के आदेश का क्रियान्वयन न करें।

देश के संविधान ने भारत को लोकतंत्र बनाया है। लोकतंत्र का अर्थ है कि जनता का, जनता के लिए और जनता द्वारा शासन। सर्विसेज मंत्री आतिशी ने कहा कि रोजमर्रा के कामों में भी अगर अफसर, सचिव और मुख्य सचिव चुनी हुई सरकार और उनके मंत्रियों की बात नहीं मानेंगे तो दिल्ली की जनता के काम कैसे होंगे। यह सब सिर्फ इसलिए हो रहा है, क्योंकि जीएनसीटीडी एक्ट गैर-कानूनी, गैर-संवैधानिक है।


Tags:    

Similar News