सीएम सिद्दारमैया का बड़ा बयान, कहा- स्नातकों को अंधविश्‍वासी नहीं, वैज्ञानिक स्वभाव वाला बनाएं

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Update: 2023-08-21 12:50 GMT
बेंगलुरु(आईएएनएस)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दामैया ने सोमवार को राज्य के विश्‍वविद्यालयों के कुलपतियों से स्नातकों को वैज्ञानिक स्वभाव और तर्कसंगत सोच से लैस करने को कहा। उन्‍होंने कुलपतियों और उच्च शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए कहा, “विश्‍वविद्यालयों से निकलने वाले अज्ञानता से युक्त, वैज्ञानिक स्वभाव और तर्कसंगत सोच से रहित स्नातकों का क्या उपयोग है? क्या वे देश, राज्य और समाज के लिए उपयोगी हो सकते हैं?” उन्होंने कहा कि विश्‍वविद्यालयों को ऐसे स्नातक तैयार करना चाहिए जो वैज्ञानिक, बौद्धिक, आर्थिक और सभ्य तरीके से देश का नेतृत्व करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा, "अगर वे अज्ञानता से भरकर विश्‍वविद्यालयों से बाहर आएंगे, तो न देश, राज्य और न ही अपने भविष्य के लिए उपयोगी होंगे।" बैठक में 32 सार्वजनिक विश्‍वविद्यालयों के कुलपतियों और उच्च शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। कर्नाटक राज्य सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) 36 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय जीईआर 27.4 प्रतिशत है। बैठक के दौरान 2030 तक जीईआर को 50 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित करने का भी निर्णय लिया गया। कर्नाटक में पुरुष जीईआर 34.8 प्रतिशत, महिला जीईआर 37.2 प्रतिशत, अनुसूचित जाति 25.6 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति 23.4 प्रतिशत है।
कर्नाटक के 32 विश्‍वविद्यालयों में लगभग 1.31 लाख छात्र पढ़ते हैं। मुख्यमंत्री ने चामराजनगर, यादगिरि, हासन, कोप्पला, कोडागु आदि जिलों में जहां जीईआर दर कम है, छात्रों के नामांकन अनुपात को बढ़ाने और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए आवश्यक उपाय और अनुसंधान बढ़ाने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने मैसूर विश्‍वविद्यालय, जो राज्य का सबसे पुराना और पहला विश्‍वविद्यालय है, में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने का भी निर्देश दिया।
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