झारखंड को CM नीतीश कुमार ने सुनाई खरी-खरी, बोले-लोग चाहते हैं, वहां भी लागू हो शराबबंदी
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने शराबबंदी को लेकर मंगलवार को झारखंड को खरी-खरी सुनाई
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने शराबबंदी को लेकर मंगलवार को झारखंड को खरी-खरी सुनाई। सीएम ने कहा कि वहां के लोग भी चाहते हैं कि उनके राज्य में शराबबंदी लागू हो लेकिन उन्हें अनसुना किया जा रहा है। समाज सुधार अभियान के तहत मंगलवार को औरंगाबाद में जुटीं 5 जिलों की जीविका दीदीयों के बीच पहुंचे सीएम ने झारखंड की ओर से बिहार में चोरी-छिपे आने वाली शराब पर चिंता जताने के साथ ही लोगों को सचेत भी किया। उन्होंने कहा कि बिहार में और सख्ती से शराबबंदी को लागू किया जाएगा। उन्होंने जीविका दीदीयों से घर-घर सम्पर्क कर शराब की वजह से होने वाली आर्थिक हानि, सेहत और सामाजिक प्रतिष्ठा के नुकसान के बारे में सभी को जागरूक करने का आह्वान किया।
सीएम नीतीश ने कहा, 'बिहार में शराबबंदी लागू हुई तो झारखंड की महिलाओं ने भी बुलाया। वहां के लोगों की भी इच्छा है कि लागू हो लेकिन लागू तो करते नहीं है बल्कि वहां से गड़बड़ शराब यहां आती है। इस बारे में लोगों को सावधान रहना है।' उन्होंने कहा कि कुछ लोग तो गड़बड़ी करते ही हैं। शराबबंदी सिर्फ लागू ही नहीं करना है। इसके लिए निरंतर अभियान चलाना है। उन्होंने कहा कि बापू ने भी कहा था कि शराब बुरी चीज है। बापू कहते थे शराब न सिर्फ पैसा छीनती है, बल्कि बुद्धि भी हर लेती है। शराब पीने वाला इंसान हैवान हो जाता है, ये बापू ने ही कहा था। सीएम ने कहा कि बिहार में जीविका दीदीयों की मांग पर 2015 में शराबबंदी लागू की गई थी। हमें लगता था कि पता नहीं ये कानून ठीक से लागू होगा या नहीं। फिर हमने अभियान चलाया।
पुलिस लाइन में बने सभा स्थल से सीएम नीतीश ने कहा कि समाज को दहेज और बाल विवाह से भी मुक्ति मिलनी चाहिए। बाल विवाह से बहुत नुकसान होता है। कम उम्र में प्रसव होने की वजह से बच्चे की लंबाई नहीं बढ़ती है। लोग कई तरह की बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। यदि कोई बेटी की शादी 18 से कम में कर रहा है तो यह बहुत बुरी चीज है। इसके लिए अब 21 साल की उम्र का कानून बन रहा है। सीएम ने जीविका दीदीयों का आह्वान किया कि वे दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान चलाएं। उन्होंने कहा कि यदि कोई शादी का कार्ड देता है और उस पर लिखा है हम दहेज नहीं लिए हैं, तब ही उसके यहां शादी में जाइए।
विपक्ष पर हमला
सीएम नीतीश ने इस मंच से विरोधियों पर भी जमकर वार किए। उन्होंने कहा कि एक समय था जब शाम होते ही लोग घरों में कैद हो जाते थे। कोई बाहर नहीं निकलता था। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने सबके कल्याण के लिए काम किया है। महिलाओं और अल्पसंख्यकों के कल्याण पर खासतौर पर ध्यान दिया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को मुख्य धारा से जोड़ने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए पंचायत चुनाव में 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया। बिहार यह लागू करने वाला पहला प्रदेश बना। नगर निकाय में भी 50 प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण दिया। लड़कियों को आगे बढ़ाने के लिए ड्रेस और साइकिल दी गई। लड़कों की मांग पर हमने उनके लिए भी साइकिल योजना लागू की। उन्होंने कहा कि सरकारी सेवाओं में भी हमने महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया। बिहार पुलिस में जितनी महिलाएं हैं, उतनी देश के किसी भी राज्य की पुलिस में नहीं है। आज 10 लाख से ज्यादा स्वयं सहायता समूह है। जिससे महिलाओं को लाभ मिल रहा है। हमने स्वयं सहायता की सदस्यों को जीविका दीदी नाम दिया। केंद्र सरकार ने भी आजीविका दीदी के रूप में इस नाम को अपना लिया। बिहार की जीविका दीदियों को दूसरे राज्यों में ट्रेनिंग के लिए बुलाया गया।
कोरोना से किया सतर्क
सभा में सीएम नीतीश ने लोगों को कोरोना के खतरे के प्रति आगाह करते हुए कहा कि यह बहुत तेजी से बढ़ रहा है। आज शाम सात बजे पटना में उच्च स्तरीय बैठक करेंगे। रिपोर्ट देखने के बाद पाबंदियों को लेकर कल निर्णय लेंगे। उन्होंने लोगों से कोरोना गाइड लाइन का पालन करने की अपील की। उन्होंने बताया कि सोमवार को जनता दरबार में पहुंचे 188 में से आठ लोग संक्रमित पाए गए हैं। कार्यक्रम को भाजपा नेता और राज्य के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन, अनुसूचित जाति/जनजाति सह लघु सिंचाई मंत्री डा.संतोष कुमार सुमन और कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने भी सम्बोधित किया।