SP को CM ममता बनर्जी की फटकार, बोलीं- क्या गवर्नर ने आपको फोन किया
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कोलकाताः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच गतिरोध कम होने का नाम नहीं ले रहा है. इसका खामियाजा अब अधिकारियों को भी भुगतना पड़ रहा है. इसी बीच ममता बनर्जी ने भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी के गढ़ समझे जाने वाले पूरब मेदिनीपुर जिले के पुलिस अधीक्षक को सार्वजनिक रूप से फटकार लगाई और पूछा कि क्या राज्यपाल उन्हें धमका रहे हैं और उनके कामकाज में दखल दे रहे हैं?
ममता के बयान के बाद विवाद उत्पन्न
बता दें कि शहर में एक प्रशासनिक समीक्षा बैठक हुई थी. इसकी लाइव स्ट्रीमिंग की गई थी. इस दौरान बनर्जी ने पुलिस अधीक्षक अमरनाथ को उनके जिले में बिगड़ते कानून व्यवस्था को लेकर डांटा, जिसके बाद पुलिस अधिकारी ने कहा कि अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है. बैठक में बनर्जी के बयान के बाद राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है. विपक्षी दलों ने बनर्जी पर 'संवैधानिक सीमा' लांघने का आरोप लगाया. जबकि, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि चीजों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया है.
राज्यपाल ने ट्विटर पर डाला वीडियो
यह घटनाक्रम मुख्यमंत्री और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच टकराव के बीच हुआ. बता दें कि इस सप्ताह बनर्जी ने ट्विटर पर राज्यपाल को ब्लॉक कर दिया था. वहीं, राज्यपाल ने अपने ट्विटर हैंडल पर पुलिस अधीक्षक और मुख्यमंत्री के बीच के संवाद का वीडियो डाल दिया. विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने बनर्जी पर अधिकारियों के बीच 'डर का माहौल' पैदा करने का आरोप लगाया.
ममता ने कहा कामकाज हो रहा है प्रभावित
वहीं, माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने भी कहा कि मुख्यमंत्री कानून को अपने हाथों में लेने का प्रयास कर रही हैं. इस बीच, विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंदोपाध्याय ने राज्यपाल के इस दावे को बकवास करार दिया कि सदन से पारित विधेयकों को मंजूरी देने में राजभवन में देरी नहीं हो रही है. धनखड़ ने हाल ही में कहा था कि वह किसी भी फाइल को रोककर नहीं रख रहे हैं. उससे पहले बंदोपाध्याय और बनर्जी ने आरोप लगाया था कि राजभवन भेजी गईं कई फाइल को मंजूरी नहीं दी जा रही हैं, जिससे प्रशासनिक कामकाज बाधित हो रहा है.
ट्रक टर्मिनस को कब्जे में लेगी सरकार
बंदोपाध्याय ने विधानसभा में अपने चैम्बर में कहा कि मैं उसी बात को दोहराने से थक गया हूं. राज्यपाल अगर विधानसभा से पारित किये गये फाइलों को मंजूरी देंगे तो वे अपने आप ही लौट आएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है. इस बीच मुख्यमंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार राज्य में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ट्रक टर्मिनस को निजी एजेंसी से अपने हाथों में ले लेगी. उन्होंने अधिकारियों के साथ एक बैठक में कहा कि इन टर्मिनस से मिलने वाला राजस्व सरकारी खजाने में नहीं पहुंच रहा है और उसे दलाल, राजनीतिक दल और कुछ स्थानीय अधिकारी मिलकर 'डकार' रहे हैं. हम इन ट्रक टर्मिनस को परिवहन विभाग को सौंप रहे हैं.