सीएम केजरीवाल ने PM मोदी को लिखा पत्र, कहा- 'इस साल भारत रत्न देश के डॉक्टरों को दिया जाए'
सीएम केजरीवाल ने PM मोदी को लिखा पत्र
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को पत्र लिखकर इस साल देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' सभी चिकित्सकों, नर्सों और पैरामेडिक्स को देने की मांग की, जिन्होंने महामारी के दौरान लोगों की सेवा की. उन्होंने कहा कि यह उन चिकित्सकों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी जिन्होंने अपनी जान गंवाई. प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में केजरीवाल ने कहा कि इस साल भारत रत्न चिकित्सकों, नर्सों और पैरामेडिक्स को दिया जाना चाहिए.
मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा, ''कई चिकित्सकों और नर्सों ने कोरोना वायरस से लड़ाई में अपने जान की कुर्बानी दी है. अगर हम उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करेंगे तो यह उनको वास्तविक श्रद्धांजलि होगी. लाखों चिकित्सकों और नर्सों ने अपने जीवन और परिवार की चिंता किए बिना नि:स्वार्थ भाव से लोगों की सेवा की. इससे (उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने) बेहतर उन्हें धन्यवाद देने का कोई और तरीका नहीं हो सकता है.''
जरूरत पड़े तो नियम बदलें
उन्होंने कहा कि अगर नियम बदलने की जरूरत हो तो यह किया जाना चाहिए ताकि चिकित्सा समुदाय को सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया जा सके. केजरीवाल ने कहा, ''अगर नियम समूह को भारत रत्न देने की अनुमति नहीं देते, तो मेरा अनुरोध है कि आप नियम को बदलें. पूरा देश हमारे डॉक्टरों के प्रति कृतज्ञ है. अगर उन्हें (डॉक्टरों) भारत रत्न से सम्मानित किया जाता है तो देश का प्रत्येक नागरिक खुश होगा.'' इससे पहले केजरीवाल ने ट्वीट करके भी यही मांग की थी.
उन्होंने ट्वीट किया, '' इस वर्ष 'भारतीय चिकित्सक' को भारत रत्न मिलना चाहिए. 'भारतीय चिकित्सक' का मतलब सभी चिकित्सक, नर्स और पैरामेडिक्स हैं. शहीद हुए चिकित्सकों को यह सच्ची श्रद्धांजलि होगी. अपनी जान और परिवार की चिंता किए बिना सेवा करने वालों का ये सम्मान होगा. पूरा देश इससे खुश होगा.''
730 चिकित्सकों की हुई मौत- IMA
भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) द्वारा मध्य जून में मुहैया उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक कुल 730 चिकित्सकों की जान कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के दौरान गई है. बिहार में सबसे अधिक 115 चिकित्सकों की कोविड-19 से मौत हुई है जबकि दिल्ली में 109, उत्तर प्रदेश में 79, पश्चिम बंगाल में 62, राजस्थान में 43, झारखंड में 39 और आंध्र प्रदेश में 38 चिकित्सकों ने महामारी से जान गंवाई है.
आईएमए के मुताबिक देश में कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दौरान 748 चिकित्सकों की मौत हुई थी. मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिये एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया जहां पर उन्होंने भारतीय चिकित्सकों को महामारी के दौरान उनकी कड़ी मेहनत और सेवा को 'सम्मानित' करने के लिए भारत रत्न देने की मांग दोहराई.
उन्होंने कहा, ''चिकित्सकों और पैरामेडिक्स को एक समुदाय के तौर पर भारत रत्न देना उन सभी चिकित्सकों और पैरामेडिक्स को जिन्होंने महामारी के दौरान जान गंवाई हैं , श्रद्धांजलि देने के साथ-साथ उनके बलिदान को मान्यता देना होगा.''
मुख्यमंत्री ने दिल्ली सकरार द्वारा चिकित्सकों और चिकित्सा क्षेत्र में कार्यरत कर्मियों को सम्मानित करने के लिए उठाए गए कदमों को भी रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने अपनी क्षमता के अनुकूल बेहरतीन व्यवस्था करने की कोशिश की. केजरीवाल ने महामारी में जान गंवाने वाले चिकित्सकों और अग्रिम मोर्चे पर कार्यरत कर्मियों की मौत होने पर उनके परिजनों को दिए जाने वाले एक करोड़ रुपये की '' सम्मान राशि''को रेखांकित किया.
सेवा को धन्यवाद करने का तरीका
मुख्यमंत्री ने कहा, ''यह मुआवजा नहीं है बल्कि उनकी सेवा के लिए धन्यवाद देने का तरीका है, यह जताने का माध्यम है कि हम उनका ख्याल रखते हैं और देश उनके साथ खड़ा है.'' उन्होंने कहा,''बड़ी संख्या में डॉक्टर कोविड-19 वार्ड में इलाज करने के बाद अपने घर नहीं गए ताकि वे अपने परिवार को संक्रमण से बचा सकें. इससे निपटने के लिए हमने उनके रहने की यथासंभव बेहतरीन व्यवस्था की जहां वे रहकर मरीजों के इलाज के लिए अस्पताल जा सके.''
केजरीवाल ने कहा, ''मुझे एक रोचक संदेश प्राप्त हुआ. उसमें लिखा था कि सभी मंदिर कोविड-19 की वजह से बंद है क्योंकि भगवान सफेद कोट पहनकर अस्पतालों में सेवा दे रहे हैं. यह चिकित्सकों के प्रति प्रेम और सम्मान को प्रदर्शित करता है.'' उन्होंने कहा, ''उन्हें (डॉक्टरों को) कोई विशेष लाभ, अतिरिक्त वेतन या प्रोन्नति नहीं मिल रही, उन्हें इसके बदले में कुछ नहीं मिल रहा, इसके बावजूद उन्होंने मानवता से प्रेम की वजह से बेहतरीन कार्य किया. हम इन बहादुर चिकित्सकों, नर्सों और पैरामेडिक्स को सलाम करते हैं.''