सीएम हेमंत सोरेन ने का ऐलान, प्रदेशभर के स्कूलों में क्लास तीसरी से 8वीं के बच्चों का हर महीने होगा मूल्यांकन

झारखंड (Jharkhand) की राजधानी रांची में सीएम हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों के क्लास तीसरी से आठवीं क्लास के बच्चों का हर महीने मूल्यांकन करने का फैसला लिया गया है.

Update: 2021-08-20 10:49 GMT

झारखंड (Jharkhand) की राजधानी रांची में सीएम हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों के क्लास तीसरी से आठवीं क्लास के बच्चों का हर महीने मूल्यांकन करने का फैसला लिया गया है. झारखंड शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद (JCERT) के मुताबिक हर महीने डिजिटल मोड के जरिए किया जाएगा. हर महीने की शुरुआत में स्कूलों के बच्चों को डिजिटल प्रश्न पत्र उपलब्ध कराया जाएगा. स्कूल इन प्रश्न पत्रों की फोटो कॉपी महीने के पहले हफ्तें में छात्र छात्राओं व उनके अभिभावकों को स्कूल बुला कर दिए जाएंगे. सभी छात्र छात्राएं प्रश्नों से जवाब अपने घर पर बैठकर लिखेंगे और दूसरे हफ्ते में स्कूल के ड्रॉपबॉक्स में डाल देंगे.

दरअसल, झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक डॉ शैलेश कुमार चौरसिया ने बताया कि सभी आरडीडीई, डीईओ और डीएसई को निर्देश जारी कर दिए गए है. जिसके लिए स्कूली शिक्षा और साक्षरता ने गाइडलाइंस जारी कर दी है. सभी बच्चों की कॉपी का मूल्यांकन इस तरह से होगा कि सभी कॉपियां टीचर चेक करके ही नंबर देंगे. ताकि टीचर तीसरे हफ्ते में वापस कर देंगे. अगर कोई प्रश्न का उत्तर गलत होता है तो टीचर उसका सही जवाब छात्रों को बताएंगे, जिससे कि छात्र आगे के लिए प्रैक्टिस कर सकें.
कोरोना वायरस गाइडलाइन का करना होगा पालन
बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए स्कूल कुछ नई गाइडलाइन बना कर देंगे. छात्र- छात्राओं और अभिभावकों को प्रश्न पत्र लेने कब आना है इसकी जानकारी स्कूल प्रश्न कई माध्यम से दे देगा. स्कूल आने पर कोरोना नियम का पूरी तरह से पालन करना होगा. इसके साथ ही जिस क्लास में बच्चे ज्यादा होंगे उन्हें बस हफ्तें में एक दिन आना होगा. यदि बच्चे नही आ सकते तो अभिभावक बच्चों के प्रश्न पत्र आकर ले सकते है.
कमेटी का किया जाएगा गठन
वहीं, प्रश्न पत्र पर होने वाला सारा खर्चा स्कूल प्रशासन वहन करेगा. इसके साथ ही डॉक्टर शैलेश कुमार चौरसिया ने कहा कि सभी तैयारी को सुचारू रूप से चलने के लिए दो से तीन कर्मियों की एक कमेटी गठन करने को कहा गया है.
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