CM ने दिए समसपुर गांव में टैंकरों के माध्यम से रोजाना प्रति व्यक्ति 50 से 55 लीटर पानी उपलब्ध करवाने के निर्देश
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चंडीगढ़। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज चरखी दादरी में जन संवाद कार्यक्रम में शिकायतों की सुनवाई करते हुए अधिकारियों को समसपुर गांव में टैंकरों के माध्यम से गांव में रोजाना प्रति व्यक्ति 50 से 55 लीटर पानी उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। जन संवाद कार्यक्रम में गांव समसपुर की सरपंच नीतू ने पानी निकासी और पेयजल आपूर्ति नहीं होने की शिकायत रखी थी। इस पर अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि नियमित जलापूर्ति डेढ़ साल में संभव है। इसके अलावा, गांधीनगर के नगरपार्षद ने दूषित पानी की निकासी से संबधित शिकायत रखी, इस पर मुख्यमंत्री ने अस्थाई व्यवस्था कर पानी को निकालने के आदेश दिए। उन्होंने जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता को निर्देश दिए कि सात दिन में गांधीनगर कालोनी का पानी निकलना चाहिए, उसके लिए चाहे अधिक मोटरें लगवानी पड़े। उन्होंने कहा कि आसपास समसपुर गांव में मनरेगा से पंचायती भूमि पर जोहड़ खुदवा कर जेसीबी मशीन आदि से पानी को वहां डंप करवाया जाए। सीसीआई का भी पानी निकाला जाए। मुख्यमंत्री को जनस्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी अभियंता ने बताया कि समसपुर एसटीपी से भाखड़ा हैड तक लाईन बिछा दी गई है।
लेकिन एनजीटी ने भिंडावास झील में पानी निकासी की अनुमति नहीं दी। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर 10 बीओडी तक की गुणवत्ता का पानी झील में डाला जा सकता है। इस बारे में त्वरित कार्रवाई की जाए। इसी प्रकार बिजली की 132 केवी लाईन हटवाने से संबंधित आई एक शिकायत पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मोनोपोल लगाकर इस लाईन को और ऊंचा कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि हाई वोल्टेज तारों के नीचे भवन निर्माण नहीं करना चाहिए। कार्यक्रम में सीवरेज सफाई का मामला भी मुख्यमंत्री के समक्ष रखा गया, जिस पर मुख्यमंत्री ने दो माह तक सुपरसकर मशीन को दादरी में रखने के आदेश दिए। गांव रामनगर की एकता कल्याण समिति ने रामनगर विहार कालोनी को नियमित करवाने के लिए आवेदन किया। मुख्यमंत्री के आदेश पर नगरपरिषद के कार्यकारी अधिकारी ने इस मामले में एक सप्ताह में कार्रवाई का आश्वासन दिया। कालोनी वासियों की मांग पर मुख्यमंत्री ने सडक़ को चौड़ा करने के मामले में उचित कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए। गांव रानीला निवासी मुरारीलाल ने पानी का बिल माफ करवाने के लिए निवेदन किया। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि उसके घर पर पानी ही नहीं आ रहा है, परंतु बिल भेज दिया गया। इस पर सीएम ने कहा कि पानी आने पर ही विभाग बिल लेने का हकदार है। इसके अलावा, दादरी शहर में नगरसुधारमंडल के 42 साल पहले काटे गए प्लाटों का आवंटन करने के मामले में मुख्यमंत्री ने सात दिन में इस पर कार्यवाही करने के आदेश दिए।