दिल्ली। सीएम अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) सोमवार यानी आज दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की पहली इलेक्ट्रिक बस (First Electric Bus) को हरी झंडी दिखाएंगे. समारोह दोपहर 12 बजे डीटीसी (DTC) के इंद्रप्रस्थ डिपो में होगा. इस मौके पर दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत (Transport Minister Kailash Gahlot) भी मौजूद रहेंगे. दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए इलेक्ट्रिक बसें चलाई जा रही हैं. ये प्रोटोटाइप बस इस महीने की शुरुआत में दिल्ली सरकार को मिली थी. इस बस को 27 किलोमीटर लंबे रूट ई-44 आईटीओ, सफरंग, आश्रम के रास्ते प्रगति मैदान से आईपी डिपो तक चलाया जाएगा. बस का निर्माण जेबीएम ऑटो लिमिटेड द्वारा किया गया है.
अगले महीने 50 और ई-बसें डीटीसी के बेड़े में शामिल होने की उम्मीद है, जब बड़े पैमाने पर सार्वजनिक परिवहन के रोल आउट शुरू होगा. दिल्ली सरकार ने 2300 इलेक्ट्रिक बसें खरीदने की योजना बनाई है. इसमें 1300 बसो की खरीद डीटीसी द्वारा की जाएगी. वहीं बाकी 1 हजार बसें कलस्टर योजना के तहत काम करेंगी. परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के अनुसार फरवरी में पहली बार शुरू होने बाद हर महीने 50 इलेक्ट्रिक बसें जत्थे में जोड़ी जाएंगी. इसक अलावा डीटीसी चार हाइब्रिड बस डिपो बनाएगी, जो इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसों का एक संयोजन होगा. ये सुभाष प्लेस डिपो, राजघाट डिपो, हसनपुर डिरो और बवान डिपो होंगे.
दिल्ली में ई-बसों को शामिल करने की योजना की घोषणा पहली बार जुलाई 2018 में की गई थी. अब भविष्य में दिल्ली सरकार सिर्फ इलेक्ट्रिक बसों की ही खरीद करेगी. इस बीच सार्वजनिक गतिशीलता को और बढ़ाने के लिए केजरीवाल ने शुक्रवार को 100 लो-फ्लोर एसी सीएनजी बसों को हरी झंड़ी दिखाई. इसी के साथ डीटीसी के बेड़े में अब 6900 बसें हो गई हैं. इससे पहले दिल्ली ने 2010 राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान दिल्ली परिवहन विभाग के बेड़े में 6 हजार बसें देखीं थी. नई एसी सीएनजी बसें दिल्ली के 9 क्लस्टर बस रूटों पर बाहर दिल्ली के घुमनहेड़ा डिपो से दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में चलेगीं.
दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक बड़ी पहल की है. अब राइड एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवा देने वालों को अपने वाहनों के नए बेड़े में अनिवार्य रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल होगा. केजरीवाल सरकार बेड़े में ईवी को अनिवार्य करने के लिए एग्रीगेटर पॉलिसी को अधिसूचित करने वाली भारत की पहली सरकार बन गई है. पॉलिसी के ड्राफ्ट पर जनता को अपनी राय देने के लिए 60 दिनों का समय दिया गया है. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि यह पॉलिसी एग्रीगेटर उद्योग को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान करेगी.