पूर्व मुख्यमंत्री के करीबी ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा
लगाए ये गंभीर आरोप
उत्तराखंड। उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को लगातार झटके पर झटके लग रहे है। लंबे समय से कांग्रेस की राजनीति करने वाले राजेश रस्तोगी ने भी कांग्रेस का साथ छोड़ दिया है। कभी पूर्व मुख्यमंत्री हरिश रावत के करीबी रहे राजेश रस्तोगी ने कांग्रेस से इस्तीफा देते हुए को कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाया है। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश महासचिव राजेश रस्तोगी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखते हुए कहा कि वह कांग्रेस में लगातार बढ़ते परिवार वाद से दु:खी होकर उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश महासचिव पद समेत अन्य सभी पार्टी पदों से इस्तीफा दे रहे हैं।
उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि यदि कांग्रेस ने साल 2017 के चुनाव में साफ छवि के नेता प्रीतम सिंह को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया होता तो आज उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार होती। बताया जा रहा है कि साल 2022 में भी कांग्रेस ने लक्सर से टिकट नहीं दिया और हरीश रावत के इशारे पर कांग्रेस ने टिकट बंटवारा किया। अब लोकसभा चुनाव में भी हरिद्वार से स्थानीय नेता को टिकट न देकर कांग्रेस ने हरीश रावत के बेटे को टिकट दिया है। यह परिवारवाद का सबूत है। वहीं इस बाबत राजेश रस्तोगी के मोबाइल फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनका फोन नहीं लगा. बता दें कि कांग्रेस पार्टी को लगातार झटके पर झटका लग रहा है। लंबे समय से कांग्रेस की राजनीति करने वाले राजेश रस्तोगी ने भी कांग्रेस को बाय-बाय कह दिया है।
कभी पूर्व मुख्यमंत्री हरिश रावत के करीबी रहे राजेश रस्तोगी ने कांग्रेस से इस्तीफा देते हुए को कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाया है। उत्तराखण्ड कांग्रेस प्रदेश महासचिव राजेश रस्तोगी की ने अपनी फेसबुक बल पर लंबा चौड़ा लेख लिखते हुए कहा कि वह कांग्रेस में लगातार बढ़ते परिवार वाद से दु:खी होकर उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश महासचिव पद समेत अन्य सभी पार्टी पदों से इस्तीफा दे रहे हैं। राजेश रस्तोगी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि यदि कांग्रेस 2017 के चुनाव में साफ छवि के नेता प्रीतम सिंह को 2017 के चुनाव में मुख्यमंत्री का चहरा घोषित किया होता तो आज उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार होती 2022 में भी कांग्रेस ने लक्सर से टिकट नहीं दिया और हरीश रावत के इशारे पर कांग्रेस ने टिकट बटवारा किया अब लोकसभा चुनाव में भी किसी हरिद्वार से स्थानीय नेता को टिकट न देकर कांग्रेस ने हरीश रावत के बेटे को टिकट दिया है यह परिवारवाद का सबूत है।