टीबी वैक्सीन: क्लिनिकल ट्रायल तेज, भारत 2024 तक टीबी के खिलाफ तैयार कर लेगा टीका?

Update: 2022-04-02 04:10 GMT

नई दिल्ली: भारत 2024 तक क्या टीबी के खिलाफ टीका तैयार कर लेगा? आईसीएमआर के तहत आने वाले नारी यानी नेशनल एड्स रिसर्च इंस्टीट्यूट पुणे के मुताबिक क्लिनिकल ट्रायल तेजी से चल रहे हैं और 2024 तक पूरे होने की संभावना है. इस वैक्सीन का ट्रायल भारत के 6 राज्यों में 18 साइट्स पर चल रहा है जिसमें 12 हजार से ज्यादा वॉलंटियर शामिल हैं.

ट्रायल के बाद फॉलो अप फरवरी 2024 तक चलेगा जिसके बाद सब सही रहा तो टीबी रोकथाम की वैक्सीन आ सकती है. इस वैक्सीन के ट्रायल में शामिल NARI (नेशनल एड्स रिसर्च इंस्टीट्यूट) पुणे के डॉ सूचित कांबले ने बताया कि, लार संबंधी पोजिटिव पल्मोनरी टीबी मरीजों से स्वस्थ व्यक्तियों में ट्यूबरकुलोसिस के संचार को रोकने के लिए दो टीबी टीकों- वीपीएम 1002 और इम्यूनोवैक की प्रभावकारिता व सुरक्षा को परखने के लिए परीक्षण चल रहे हैं.
दरअसल, 2025 तक टीबी के सफाये के भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए नये ट्यूबरकुलोसिस टीकों की जरूरत है. कांबले ने कहा, ''ट्यूबरकुलोसिस को रोकने के लिए वीपीएम 1002 और इम्युनोवैक टीकों की प्रभावकारिता व सुरक्षा को परखने के लिए तीसरे चरण का यादृच्छिक परीक्षण छह राज्यों, महाराष्ट्र, दिल्ली, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक और ओडिशा के 18 शहरों में चल रहा है''
इस परीक्षण के लिए छह साल या उससे ऊपर के 12000 लोगों का पंजीकरण पूरा कर लिया गया है और अब 2024 तक उसका फोलोअप चलेगा. महाराष्ट्र में आईसीएमआर-एनएआरआई महाराष्ट्र में मुख्य स्थल है और उसने 1593 लोगों का पंजीकरण पूरा किया है. इन लोगों पर 38 महीने के लिए नियमित अंतराल पर नजर रखी जा रही है. पुणे में 2024 तक आखिरी फोलोअप पूरा हो जाने की संभावना है.
कांबले ने कहा, ''आंकड़े के विश्लेषण के बाद वैज्ञानिक निष्कर्ष के आधार पर हम इन टीकों की प्रभावकारिता व सुरक्षा के बारे में किसी निष्कर्ष पर पहुंचते हैं. हम उम्मीद कर रहे हैं कि 2024 तक या अधिक से अधिक 2025 तक भारत के पास टीबी के विरूद्ध अच्छा व प्रभावी टीका होगा.''

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