क्लर्क ने कर दी प्रिंसिपल की पिटाई, महिला टीचर को नोटिस जारी करना पड़ा भारी

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Update: 2022-02-12 04:05 GMT

राजस्थान। राजस्थान (Rajasthan) के उदयपुर (Udaipur) जिले में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां पर एक स्कूल के प्रिंसिपल द्वारा महिला टीचर को नोटिस देना दूसरे स्कूल के बाबू (Clerk) को नागवार गुजरा. इस दौरान उसने स्कूल जाकर प्रिंसिपल की चप्पलों से पिटाई कर दी. बताया जा रहा है कि बाबू और महिला टीचर पहले से परिचित थे. हालांकि स्कूल में हंगामा हुआ तो गांव वाले प्रिंसिपल के समर्थन में पहुंच गए, जिसके बाद मामले को खाप पंचायत (Khap Panchayat) में रखा गया. उधर, ग्राम पंचायत ने बाबू को 51 हजार रुपए जुर्माना देने और साथ ही गांव के 2 मंदिरों में घी के पीपे रखवाने का आदेश दिया.

दरअसल, ये मामला उदयपुर जिले में रावतभाटा इलाके के बोराव गांव में स्थित पारसमल कजोड़ीमल शर्मा सीनियर सेकंडरी स्कूल के प्रिंसिपल रमेश शर्मा के साथ घटना घटित हुई. जहां पर स्कूल प्रिंसिपल ने महिला टीचर को विभागीय कामों को लेकर नोटिस दिया था. इस दौरान धांगड़मऊ विद्यालय के बाबू जगदीश टेलर को नागवार गुजरी. ऐसे में बाबू सीधे बोराव पहुंच गया. वहीं, स्थानीय गांव वालों के मुताबिक, बाबू स्कूल पहुंचा, जहां प्रिंसिपल नहीं मिले. इस पर गांव में ही प्रिंसिपल और बाबू की मुलाकात एक सैलून पर हो गई. जहां पर पहले दोनों के बीच बातचीत हुई और फिर झगड़ा शुरू हो गया. ऐसे में बाबू ने चप्पल उतारकर मारपीट करना शुरू कर दी.

बता दें कि जब ये मामला गांववालों तक पहुंचा तो कई ग्रामीण प्रिंसिपल के समर्थन में खड़े हुए. वहीं, गांव वालों ने पंचायत बुलाई और पंचों की मौजूदगी में बातचीत शुरू हुई. ऐसे में स्थानीय गांव के लोगों ने बाबू द्वारा पिटाई करने की बात को गलत माना. वहीं, गांव में चल रही खाप पंचायत के दौरान प्रिंसिपल ने भी अपना पक्षा रखा. जहां पंचायत में दोनों पक्षों को अपनी बात रखने का मौका दिया गया. आखिर में पंचो बाबू की गलती मानते हुए उसे 51 हजार रुपए बतौर जुर्माना अदा करने और एक घी का पीपा हनुमान मंदिर और एक घी का पीपा माताजी के मंदिर में रखने का आदेश सुनाया. गौरतलब है कि स्थानीय गांव वालों ने बताया कि आखिर मामला थाने क्यों नहीं पहुंचा, तो उनका कहना था कि पंचायत में सभी पक्षों के बीच सहमति बन गई. ऐसे में स्थानीय मामले को पंचायत में ही सुलझा लिया गया. हालांकि इस कारण कोई भी पक्ष थाने नहीं गया. फिलहाल, अभी कर शिक्षा विभाग (Education)की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है.


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