जजों के काम की CJI ने की तारीफ, बड़ी मुश्किल से मिलता है आराम करने का समय
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) चंद्रचूड़ ने जजों की छुट्टियों को लेकर कहा कि उनको सप्ताह के सातों दिन काम करना पड़ता है और बड़ी मुश्किल से आराम करने का समय मिलता है। वह प्रयागराज में 'कोर्ट्स ऑफ उत्तर प्रदेश' पुस्तक की लॉन्च के मौके पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा, छुट्टियों को लेकर हम लोगों की बहुत आलोचना होती है। लोग कहते हैं, इनको छुट्टी बहुत मिलती है। लेकिन लोग इस बात को नहीं समझते कि जजों को सप्ताह के सातों दिन काम करना पड़ता है। हमारे जिला जज हर रोज काम करते हैं। यहां तक कि शनिवार और रविवार को भी वे लीगल एड कैंप या फिर प्रशासनिक कामकाज में व्यस्त ही रहते हैं।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज वीकेंड में करने वाले सम्मेलनों और लेक्चरों की जानकारी दे दें ताकि इसे भी जनता के सामने प्रस्तुत किया जा सके। उन्होंने कहा, अब तक जजों का काम और भी कठिन हो गया है। हमारे ऊपर एक नए तरह का बर्डन है। पहले केवल कोर्ट रूम में ही किसी मामले की सुनवाई पर ध्यान दिया जाता था। वहां बहुत ज्यादा 100 लोग मौजूद रहते थे। हालांकि अब यूट्यूब पर लाइव स्ट्रीमिंग की वजह से पूरे देश के लोग हमें देखते हैं। इसलिए जजों पर भी एक दबाव होता है कि उन्हें क्या बोलना है और क्या नहीं।
उन्होंने कहा, हमें बोलते हुए बहुत सावधान रहने की जरूरत होती है। कुछ भी जो कोर्ट में कहा जाता है लोग उसका गलत मतलब भी निकाल सकते हैं। इसलिए जजों को भी समझना पड़ेगा कि समय के हिसाब से उन्हें किस तरह सावधान होने की जरूरत है।
CJI ने आधुनिक तकनीक की अहमियत बताते हुए कहा कि यह केवल एक चीफ जस्टिस का विचार नहीं है जिसे तकनीक बहुत पसंद है बल्कि यह पूरे न्यायिक मकैनिजम को आगे ले जाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि तकनीक के माध्यम से जजों की क्षतमा बढ़ जाती है। इसके अलावा उनका हर एक फैसला जनता के सामने होता है। इसके अलावा तकनीक यह भी सुनश्चित करती है कि कोर्टरू में जो फैसला किया जा रहा है वह जनता के प्रति भावशून्य नहीं है बल्कि समाज के प्रति उत्तरदायी है।