राम मंदिर की सुरक्षा CISF के जवान करेंगे, सुरक्षा का फुलप्रूफ मास्टर प्लान तैयार!
नई दिल्ली: अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का उद्घाटन जनवरी 2024 में तय हो गया है. देश भर के लगभग पांच लाख मंदिर अयोध्या में राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा (मूर्ति प्रतिष्ठा) से कम से कम 10 दिन पहले विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करेंगे. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार, इन आयोजनों में नाम-संकीर्तन (पवित्र नामों का सामूहिक जप) शामिल होगा. राय ने संवाददाताओं से कहा, “आरएसएस के पास ऐसे बड़े पैमाने पर कार्यक्रम आयोजित करने का अनुभव है. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए हर कोई अयोध्या नहीं आ सकता. आरएसएस देश भर में लगभग पांच लाख मंदिरों में नाम-संकीर्तन और अन्य कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रहा है.” उन्होंने कहा, “ये आयोजन रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से कम से कम 10 दिन पहले शुरू होंगे. देश में लगभग 2.5 लाख ग्राम पंचायतें हैं और लगभग सभी में एक मंदिर है. देश भर के सभी जिलों के अन्य 2.5 लाख मंदिर पूरे देश को 'राममय' बनाने के लिए ये कार्यक्रम आयोजित करेंगे. ट्रस्ट यह भी विशेष निर्देश देगा कि सड़कों या शहर के चौराहों पर कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा.”
रामजन्मभूमि परिसर की सुरक्षा आधुनिक तकनीक से लैस होगी। सुरक्षा का ऐसा खाका खींचा जा रहा है जिससे रामलला के भक्तों को असुविधा न हो. मंदिर के सुरक्षा प्लान की तैयारी का जिम्मा सीआईएसएफ के हवाले कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक सीआईएसएफ के डीजी सहित दूसरे अधिकारियों ने हाल ही में राम मंदिर परिसर का दौरा किया था. सीआईएसएफ की कंसल्टेंसी विंग इस पूरे प्लान को तैयार करेगी. अगले साल जनवरी में मंदिर के उद्घाटन से पहले सीआईएसएफ अपना सुरक्षा का ताना-बाना यहां पर तैयार कर लेगी. सूत्रों के मुताबिक सीआईएसफ की रणनीति में राम जन्मभूमि परिसर को अधिक से अधिक तकनीकी सुरक्षा कवच प्रदान करना है जिसमें एंटी ड्रोन तकनीक भी शामिल रह सकता है. सुरक्षा ऐसी होगी कि परिंदा भी पर नहीं मार सकेगा. वर्तमान में राम जन्मभूमि की सुरक्षा में सीआरपीएफ पुलिस और पीएसी तैनात है सूत्रों के मुताबिक जहां गर्भगृह की सुरक्षा सीआरपीएफ के हवाले हैं तो वही अन्य बाहरी सुरक्षा पुलिस के हवाले हैं.
वर्तमान में रामजन्मभूमि की सुरक्षा में सीआरपीएफ, पुलिस और पीएसी तैनात है. गर्भगृह की सुरक्षा सीआरपीएफ के हवाले है. एडीजी जोन पीयूष मोर्डिया ने बताया कि सीआइएसएफ के अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने आए थे. देश के हवाई अड्डों, ताजमहल, मेट्रो सहित अन्य कई ऐतिहासिक भवनों एवं महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा का अच्छा अनुभव सीआइएसएफ के पास है. इसीलिए राममंदिर की सुरक्षा के लिए भी इनके अनुभव का उपयोग किया जा रहा है.