पटना। पिछले महीने सारण जिले में हुए जहरीली शराब कांड के दो केस की जांच अब बिहार पुलिस की CID करेगी। इसके लिए मद्य निषेध इकाई को जिम्मा सौंप दिया गया है। मंगलवार को पुलिस मुख्यालय की तरफ से इस संबंध में एक आदेश जारी किया गया है। दरअसल, जहरीली शराब कांड से अकेले सारण जिले में 78 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद राज्य सरकार और उनकी पूर्ण शराब बंदी की नीतियों पर सवाल उठने लगे थे। राज्य सरकार की बड़े स्तर पर किरकिरी हुई थी। बवाल इस कदर हुआ कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम को भी हस्तक्षेप करना पड़ा। दिल्ली से एक स्पेशल टीम को जांच के लिए बिहार भेजा गया था। सारण जिले के मशरख और इसुआपुर थाना में अलग-अलग केस दर्ज हुआ था।
इसकी जांच अब तक सारण पुलिस की SIT कर रही थी। कुल 17 आरोपियों को अब तक गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। मगर, राज्य सरकार ने इस कांड को बेहद गंभीरता से लिया। हर एंगल से इस कांड की जांच करवाने का आदेश DGP राजविंदर सिंह भट्टी को मुख्यमंत्री की तरफ से दिया गया। इसके बाद ही मशरख थाना में दर्ज केस 583/22 और इसुआपुर थाना में दर्ज केस 280/22 की जांच अब CID से कराने का फैसला लिया गया। अब जल्द ही मद्य निषेध इकाई की तरफ से एक स्पेशल टीम जांच के लिए बनाई जाएगी। 31 दिसंबर को ही इस कांड के मुख्य आरोपियों में से एक राम बाबू महतो को दिल्ली के द्वारिका से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने दावा किया था कि राम बाबू ही वो शख्स है जिसने केमिकल से शराब बनाई और उसकी सप्लाई की। जहरीली शराब कांड के बाद से वो बिहार छोड़कर ही फरार हो गया था। छिपकर दिल्ली में रह रहा था। पर दिल्ली पुलिस की मदद से उसे खोज निकाला गया था।