आइजोल/शिलांग/कोहिमा, (आईएएनएस)| 2020 और 2021 में कोविड-19 महामारी के कारण या तो बंद दरवाजों के पीछे या प्रतिबंधित तरीके से क्रिसमस मनाने के बाद देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में इस सप्ताह की शुरुआत में बड़े उत्साह के साथ उत्सव शुरू हुआ। पूरे क्षेत्र में कई स्थानों पर प्री-क्रिसमस समारोह, खरीदारी, चर्चो की सजावट और अन्य स्थानों को देखा गया। साल 2020 और 2021 में पूर्वोत्तर क्षेत्र में क्रिसमस का जश्न कोविड से संबंधित विभिन्न प्रतिबंधों के कारण अपेक्षाकृत कम महत्वपूर्ण था।
हालांकि, इस साल आठ पूर्वोत्तर राज्यों में से अधिकांश में विभिन्न सरकारी, गैर-सरकारी कार्यालयों और इलाकों में दो दिन पहले अग्रिम क्रिसमस बधाई और मिनी समारोह का आदान-प्रदान शुरू हो गया है।
शिलांग के मुख्य व्यावसायिक केंद्र पुलिस बाजार के सभी मार्गो और शॉपिंग मॉल में भारी भीड़ थी, क्योंकि पुरुष और महिलाएं क्रिसमस से पहले अपने पसंदीदा सामान खरीदने में व्यस्त थे।
इस अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं देते हुए नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने ट्वीट किया, "हमें प्यार करने और अपने इकलौते बेटे को भेजने के लिए भगवान का शुक्रिया अदा किया जाए। वह दुनिया की रोशनी हैं, वह रोशनी जो हमें प्यार, विश्वास और आशा से भर देती है। मैं शुभकामना देता हूं। आप सभी को मेरी क्रिसमस।"
कोहिमा में योजना और समन्वय विभाग ने लोगों से एक स्थायी और पर्यावरण के अनुकूल क्रिसमस मनाने का अनुरोध किया है।
क्रिसमस की सजावट की कुछ तस्वीरों को टैग करते हुए मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के.संगमा ने ट्वीट किया : "मेघालय के पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले में मुलामिलियंग गांव क्रिसमस की सजावट को एक नए स्तर पर ले जाता है! क्रिसमस के मौसम को सुंदर और अर्थपूर्ण बनाएं।"
मिजोरम के राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति ने अपने विवेकाधीन कोष से राज्य के सभी 11 जिलों में 40 अनाथालयों और घरों के लिए 4 लाख रुपये मंजूर किए हैं।
लोगों के बीच क्रिसमस के उपहार को साझा करने के लिए असम राइफल्स के जवानों ने विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया और कुछ स्थानों को सजाया।
मिजोरम, नागालैंड और मेघालय में साठ लाख से अधिक ईसाई रहते हैं, जबकि अन्य पूर्वोत्तर राज्यों मणिपुर, त्रिपुरा, असम, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में महत्वपूर्ण संख्या है।
--आईएएनएस