नई दिल्ली: चीन अपनी हरकतों से बाज आने का नाम नहीं ले रहा है. चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) अब अरुणाचल प्रदेश से सटी सीमा के करीब अपनी तरफ बुनियादी ढांचे को विकसित करने में जुटी है. इस बात का दावा भारतीय सेना के पूर्वी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलीता ने किया है.
लेफ्टिनेंट जनरल कलीता ने ये भी बताया कि भारत भी सीमा पर इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने में जुटा है, ताकि किसी भी स्थिति से निपटने की तैयारी रखी जा सके.
जनरल कलीता ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के उस पार तिब्बत में तेजी से इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित किया जा रहा है. चीन 5G मोबाइल नेटवर्क के साथ-साथ लगातार सड़क, रेल और एअर कनेक्टिविटी को बढ़ाने का काम कर रहा है, ताकि किसी भी स्थिति से निपटने या सेना को तैनात करने के लिहाज से बेहतर स्थिति हो. उन्होंने ये भी बताया कि चीनी अधिकारियों ने LAC से सटे गांवों को दो तरह से इस्तेमाल करने के लिहाज से विकसित किया है.
उन्होंने बताया कि पूरी स्थिति की लगातार निगरानी की जा रही है और हम भी अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर और क्षमताओं को लगातार बढ़ा रहे हैं, ताकि किसी भी स्थिति को ठीक तरह से संभाला जा सके. उन्होंने दावा किया कि किसी भी ऑपरेशन के लिए भारतीय सेना पूरी तरह तैयार है.
जनरल कलीता ने इस बात को भी माना खराब मौसम और मुश्किल इलाकों की वजह से फॉरवर्ड लोकेशन में क्षमताओं और इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने में दिक्कतें आती रहीं हैं, जिससे प्रोजेक्ट के पूरा होने में देरी हो रही है.
दोनों देशों के बीच टकराव के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि वास्तविक सीमा को ठीक तरीके से तय नहीं किया गया है, खासकर मैकमोहन लाइन पर. इससे भारत और चीन के बीच सीमा के बारे में अलग-अलग धारणाएं बनी हैं, जिन पर दोनों पक्षों में सहमति नहीं है. हम कई बार आज के हिसाब से स्थिति को संभालते हैं, लेकिन कई बार टकराव होता है.
उन्होंने कहा कि एक बार सीमा का सही से सीमांकन होने के बाद उम्मीद है कि फिर कोई समस्या नहीं होगी. जनरल कलीता ने चीन सीमा पर घुसपैठ की बात को खारिज किया है. उन्होंने कहा कि 1962 के बाद से सीमा पर कोई घुसपैठ नहीं हुई है.
उन्होंने कहा कि पूर्वी सीमा में कई तरह की चुनौतियां हैं और इन चुनौतियों का हम सामना कर रहे हैं और भविष्य में भी इन चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हैं.