पूरी दुनिया में चीन ने कराई फजीहत, खुद कर दी ये गलती

Update: 2021-08-04 02:38 GMT

साल 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के जवानों के बीच खूनी संघर्ष हुआ था. जिसमें दोनों तरफ के कई सैनिक मारे गए थे. चीन के टीवी चैनल ने गलवान घाटी में हुए संघर्ष का नया 45 सेकंड वीडियो जारी किया गया है. इस वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि चीन के सैनिक भारतीय सैनिकों पर पत्थर फेंक रहे हैं और भारतीय जवान चीनी सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं.

चीन के इस 45 सेकेंड के प्रोपगैंडा वीडियो को रिलीज कर चीन ने खुद ही अपनी बेइज्जती करवा ली है. नये वीडियो में चीन के पत्थरबाज सैनिक एक्सपोज हो गए हैं. चीन ने सोचा था कि ये वीडियो जारी करने से उसका झूठ आगे बढ़ेगा और वो अपने सैनिकों की बहादुरी दिखा पाएगा. इस वीडियो के जरिए उसकी यह दिखाने की कोशिश है कि उसके सैनिक भारतीय सैनिकों पर भारी पड़े थे. लेकिन झूठ चाहे जितना मेकअप कर ले. सच की चमक के सामने फीका ही पड़ता है. चीन का ये वीडियो वाला दांव कैसे उल्टा पड़ गया है.
इस वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि भारतीय सैनिक चीन की उस निगरानी पोस्ट को नष्ट कर रहे हैं. जिसमें उन्होंने LAC का उल्लंघन किया है. चीन की हमेशा की आदत है वो धीरे धीरे आगे बढ़कर चुपचाप अवैध कब्जे करता है.
करीब 45 सेकंड के इस वीडिया में दिखाई दे रहा है कि गलवान नदी के जमा देने वाले पानी में भारतीय जवान मोर्चा संभाले हुए हैं और चीनी सेना के पत्‍थरबाजी का करारा जवाब दे रहे हैं. इस वीडियो में दोनों देशों के सैनिकों के बीच आमने-सामने की जंग भी दिख रही है.
वीडियो में साफ दिखाई दे रहा कि दोनों तरफ से भारी संख्या में सैनिक आमने सामने हैं. चीनी सैनिक ऊंचाई वाली जगह पर खड़े हैं और गलवान घाटी में पानी के बीच खड़े भारतीय जवानों पर पत्‍थर बरसा रहे हैं.
इस वीडियो में हिंसा की रात के भी कुछ सीन को भी जोड़ा गया है. वीडियो में नजर आ रहा है कि लाठी और धारधार हथियारों से लैस चीनी सेना के सामने भारतीय जवान डटे हुए हैं. वीडियो देखकर यह लग रहा है कि भारतीय जवानों ने बहुत कठिन परिस्थितियों में चीनी सेना को करारा जवाब दिया.
15 जून की रात हुई इस हिंसक झड़प में चीन ने दावा किया था कि उसके सिर्फ 4 सैनिक ही मारे गए थे. बाद में उसने इसकी संख्या बढ़ाकर पांच कर दी थी. लेकिन ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस खूनी संघर्ष में कम से कम चीन के 40 से 45 चीनी सैनिकों की मौत हुई थी. जबकि भारत के 20 जवान शहीद हुए थे. चीनी सैनिकों ने धोखे से घात लगाकर भारत के सैनिकों पर कटीले रॉड से हमला किया था.
बता दें, गलवान घाटी में हिंसक झड़प के सच को आठ महीने तक दबाए रखने और गलवान में मारे गए अपने सैनिकों की संख्या को छिपाए रखने के बाद. फरवरी में चीन ने गलवान की हिंसक घटना का अर्धसत्य कबूल किया था. वो हमेशा गलवान के सच से मुंह छिपाता रहा और अपने सैनिकों के मारे जाने की खबरों पर पर्दा डालता रहा. जब पोल खुली तो कहने लगा कि भारतीय सैनिकों के मुकाबले चीन के बहुत कम सैनिक मारे गए थे जबकि सच इससे उलट था.
चीन की फजीहत इस बात पर भी हुई थी कि गलवान घाटी में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को देश ने पूरे सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी. उन्हें सैन्य पदकों से नवाजा गया. लेकिन चीन अपने ही सैनिकों की मौत को न सिर्फ छिपाता रहा. बल्कि उनकी शहादत को सम्मान नहीं दे पाया.


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