नई दिल्ली: दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर एक आठ महीने के बच्चे को छुड़ाया है। इस बच्चे को उसके ही माता-पिता ने बेच दिया था। उस समय वह महज तीन दिन का था। सौदा पांच लाख रुपये में हुआ था। लेकिन 20 हजार रुपये के बाद खरीदने वाले ने जब माता-पिता को अतिरिक्त राशि नहीं दी तो मां ने दिल्ली महिला आयोग से संपर्क किया। इसके बाद पुलिस के साथ मिलकर आयोग ने कार्रवाई की।
दरअसल बच्चे की मां ने 181 महिला हेल्पलाइन पर उसके बच्चे को खरीदने वाली महिला से शेष राशि दिलवाने के लिए आयोग से सहायता मांगी जिसके बाद इस पूरे मामले का खुलासा हुआ। आयोग ने मामले को विस्तार से समझने के लिए तुरंत ही एक टीम उस महिला के पास भेजी। तब पता चला कि बेचे गए बच्चे के माता-पिता के पहले से ही चार बच्चे थे। वह अब संतान नहीं चाहते थे जिसके कारण बच्चे की मां गर्भपात कराना चाहती थी।
सोनिया नाम की उसकी एक सहेली ने उसे गर्भपात कराने से रोका और बताया कि अगर वह बच्चे को जन्म देती है, तो उस बच्चे को बेचकर उसको पैसे मिल सकते हैं। इसके बाद सोनिया ने उनसे बच्चे के लिए पांच लाख रुपये देने का वादा किया और बच्चे के माता पिता इस सौदे को मान गए। मामले की पूरी जानकारी प्राप्त होने के बाद आयोग ने थाना मैदानगढ़ी से संपर्क किया और प्राथमिकी दर्ज करवाई।
11 जून को गुरुग्राम के एक गांव से बेचे गए बच्चे को छुड़ा लिया गया। दिल्ली पुलिस ने तुरंत ही बच्चे की मां समेत बच्चे की तस्करी और बिक्री में शामिल आठ लोगों को हिरासत में ले लिया है। अब पुलिस बच्चे के पिता की तलाश में जुटी है। पिता बहरहाल फरार है। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने घटना पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि माता-पिता ने अपने ही तीन दिन के बच्चे को बेच दिया।
दिल्ली पुलिस और दिल्ली महिला आयोग ने बच्चे को सफलतापूर्वक बचाया है, जो अब एक आश्रय गृह में सुरक्षित है। इस मामले में एफआईआर भी दर्ज की गई है। सभी आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। बाल कल्याण समिति से बच्चे का उचित और तत्काल पुनर्वास करने की मांग आयोग ने की है।