नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में 12 साल के एक बच्चे की सूझबूझ से बड़ा रेल हादसा टल गया. दरअसल रेलवे ट्रैक डैमेज था और ट्रेन अपनी रफ्तार से आगे बढ़ती ही जा रही थी, जब उस बच्चे ने ट्रैक को देखा तो अपनी लाल शर्ट निकालकर लहराने लगा. लोको-पायलट ने लाल कपड़ा देखकर इमरजेंसी ब्रेक लगाई, जिसकी वजह से हादसा टल गया. इसके लिए रेलवे की ओर से बच्चे को इनाम भी दिया गया है.
अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में 12 साल के लड़के ने क्षतिग्रस्त रेलवे ट्रैक को देखकर यात्री ट्रेन के सामने अपनी लाल शर्ट लहराकर हादसा होने से बचा लिया. बच्चे का नाम मुरसलीन शेख है, लोको-पायलट ने उसका सिग्नल पकड़ लिया और ट्रेन को सही समय पर रोकने के लिए इमरजेंसी ब्रेक लगाई. यह घटना बीते गुरुवार को भालुका रोड यार्ड के पास हुई.
नॉर्थ-ईस्ट फ्रंटियर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सब्यसाची डे ने कहा, "मालदा में 12 साल के एक बच्चे ने ट्रेन को रोकने के लिए अपनी लाल शर्ट लहराई, जिसकी वजह से लोको-पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर यात्री ट्रेन को रोक दिया. बच्चे ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि भारी बारिश की वजह से रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया था."
उन्होंने कहा कि उस जगह पर पोरियन क्षतिग्रस्त हो गया था जहां मिट्टी और कंकड़ बारिश से बह गए थे. चीफ पीआरओ ने बताया, "पास के गांव के एक प्रवासी श्रमिक का बेटा मुरसलीन शेख भी रेलवे कर्मचारियों के साथ यार्ड में मौजूद था. पटरियों के नीचे बारिश से क्षतिग्रस्त हिस्से को देखकर, लड़के ने उस समय समझदारी से काम लिया और सतर्क हो गया एक आती हुई यात्री ट्रेन के लोको पायलट ने ड्यूटी पर मौजूद अन्य रेलवे कर्मचारियों के साथ अपनी लाल शर्ट लहराई.''
क्षतिग्रस्त ट्रैक के हिस्से की मरम्मत की गई और बाद में परिचालन फिर से शुरू किया गया. उन्होंने बताया कि रेलवे अधिकारियों ने उस बहादुर लड़के को वीरता के लिए प्रमाण पत्र और नगद पुरस्कार से सम्मानित किया. मालदा उत्तर के सांसद खगेन मुर्मू, कटिहार के मंडल रेल प्रबंधक श्री सुरेंद्र कुमार के साथ लड़के के घर पहुंचे और उसे पुरस्कृत किया और उसके प्रयास की सराहना की.