इसके अलावा, देशभर में लोग जुलूस भी निकालते हैं. मान्यता के अनुसार, रंगपंचमी का त्योहार पर्यावरण को शुद्ध करने का एक तरीका है. इसका सकारात्मक प्रभाव हमारी मानसिक और शारीरिक सेहत पर पड़ता है. इसके अलावा, कई लोग यह भी मानते हैं कि इस दिन विधिवत पूजन से पूर्वजन्म के पापों से मुक्ति मिल जाती है.
रंगपंचमी का त्योहार भगवान कृष्ण और राधा जी को समर्पित होता है. वहीं, भारत के कुछ हिस्सों में भगवान विष्णु की पूजा की भी प्रथा है. इस दिन, लोग सुबह उठकर स्नान करने के बाद भगवान कृष्ण और मां राधा के सामने घी का दीया जलाकर लाल रंग का गुलाल अर्पित करते हैं. मान्यता के अनुसार, रंगपंचमी के दिन विधिवत पूजन से शादीशुदा जोड़ों को जीवन में आनंद और सुख की प्राप्ति होती है. इसके अलावा, भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के पूजन में लाल फूल और पीले वस्त्रों का इस्तेमाल किया जाता है.