मुख्यमंत्री हिमंत सरमा ने दिया बड़ा बयान, कहा- मणिपुर के हालात कांग्रेस की ही कारस्तानियां
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असम। असम के मुख्यमंत्री ने मंगलवार को दावा किया आज मणिपुर में जो भी हालात हैं, उसके पीछे कांग्रेस की ही कारस्तानियां हैं। साथ ही उन्होंने यहां की हिंसा के लिए भी कांग्रेस को जिम्मेदार बताया। इसी दौरान सरमा ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर की वजह से रातों को सो नहीं पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते उन्होंने मुझे तड़के तीन बजे फोन किया और मणिपुर की एक विशेष घटना पर चर्चा की। हम हमेशा सार्वजनिक रूप से अपने कामों के बारे में बात नहीं करते हैं। सरमा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी चाहती थी कि उत्तर पूर्वी राज्य हमेशा संघर्ष में उलझे रहें। चाहे वह सीमा पर चल रहा संघर्ष हो या फिर सामुदायिक संघर्ष। उन्होंने कहा कि नेहरू ने एक एंग्लो इंडियन को उत्तर पूर्वी राज्यों की समस्या को हल करने के लिए नियुक्त किया। इसके बाद से ही यह सभी संघर्ष शुरू हुए।
गौरतलब है कि मंगलवार को संसद भवन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई मणिपुर के हालात को लेकर सरकार पर जमकर सवाल उठाए थे। हिमंता ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि जब उत्तर पूर्वी राज्यों में जातीय समूहों को सुरक्षा की जरूरत थी तब कांग्रेस ने कुछ नहीं किया। यहां तक कि संविधान बनाते समय भी इस पर ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि मणिपुर का संघर्ष रातों-रात शुरू नहीं हुआ है। इसका लंबा इतिहास है और कांग्रेस इसके लिए एकमात्र जिम्मेदार है। पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी का नाम लेते हुए उन्होंने कहा कि जब भी संघर्ष चल रहा था तो कांग्रेसी प्रधानमंत्रियों ने कभी भी इन राज्यों का दौरा नहीं किया। जब उन्होंने दौरा किा तो केवल नॉर्थ ईस्ट के लोगों को ब्लेम किया।
सरमा ने कहा कि न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक इंदिरा गांधी 1983 में नेल्ली नरसंहार के बाद मात्र पांच मिनट के लिए असम पहुंची थीं। इस दौरान उन्होंने असम के लोगों को ही इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि अन्य मामलों में उन्होंने नॉर्थ ईस्ट का दौरा करने की चिंता नहीं की। सरमा ने दावा किया कि 1962 के युद्ध के दौरान इंदिरा गांधी उत्तर पूर्व का दौरा करना चाहती थीं। लेकिन उनके पिता ने मना कर दिया। सरमा के मुताबिक नेहरू को डर था कि कहीं उनकी चीन की सेना उनकी बेटी का अपहरण न ले। एक अन्य दावे में सरमा ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद जब मंत्री थे तो भारत-चीन युद्ध के दौरान डर के मारे तेजपुर से भाग निकले थे। उन्होंने कहा कि बाद में कांग्रेस ने ऐसे व्यक्ति को देश का राष्ट्रपति बनाया। सरमा ने कहा कि कांग्रेस ने उत्तर पूर्वी राज्यों का बंटवारा तो किया, लेकिन सीमाएं जान-बूझकर तय नहीं कि, ताकि यह आपस में उलझे रहें।
सरमा ने कांग्रेस से कहा कि वह भाजपा पर आरोप लगाने के बजाए उत्तर-पूर्व के हर नागरिक से माफी मांगे। उन्होंने कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए कहा कि आपके हाथ उत्तर पूर्व के लोगों के खून से सने हुए हैं। असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के इस हिस्से में लोग आपकी गलत नीतियों के चलते बार-बार मारे गए हैं और आपको माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मणिपुर की तरह असम भी कांग्रेस के गलत कामों की वजह से रो रहा है क्योंकि कांग्रेस ने 1971 के बाद विदेशियों का द्वार खोल दिया और बंगाली मुसलमानों को बड़ी संख्या में असम में प्रवेश करने दिया। सरमा ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर की वजह से रातों को सो नहीं पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते उन्होंने मुझे तड़के तीन बजे फोन किया और मणिपुर की एक विशेष घटना पर चर्चा की। हम हमेशा सार्वजनिक रूप से अपने कामों के बारे में बात नहीं करते हैं।