जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोयले और बिजली की कमी को राष्ट्रीय संकट बताया है. हालांकि, उन्होंने इसे लेकर केंद्र सरकार और राजस्थान बीजेपी पर निशाना साधा. गहलोत ने कहा, क्या बीजेपी की प्रदेश इकाई केंद्र सरकार से सवाल पूछेगी कि वह मांग के अनुसार कोयला उपलब्ध करवाने में सक्षम क्यों नहीं है, जिस वजह से 16 राज्यों में बिजली कटौती की नौबत आई है?
गहलोत ने कहा, देश के 16 राज्यों में बढ़ती गर्मी के कारण बिजली की मांग बढ़ी है और इसके अनुरूप कोयले की आपूर्ति नहीं हो रही है. इस वजह से आवश्यकता अनुसार बिजली आपूर्ति संभव नहीं है. उन्होंने कहा, यह राष्ट्रीय संकट है. हम सभी को इस संकट में एकजुट होकर परिस्थितियों को बेहतर करने में सरकार का साथ देना चाहिए.
गहलोत ने लोगों से अपील की कि वे अपने निवास या कार्यक्षेत्र में गैर-जरूरी बिजली उपकरणों को बंद रखें. अपनी प्राथमिकताएं तय कर बिजली का इस्तेमाल जरूरत के मुताबिक करें. गहलोत ने कहा, राजस्थान में प्रदेश बीजेपी बिजली घरों पर प्रदर्शन कर इस संकट में चुनौतीपूर्ण कार्य कर रहे बिजली कर्मचारियों को परेशान कर उन पर दबाव बनाने का कार्य कर रही है. जबकि कोयला उपलब्ध कराना केंद्र सरकार का काम है.
देश के तमाम राज्यों में भीषण गर्मी का कहर जारी है. बढ़ती गर्मी के चलते इन दिनों बिजली की मांग भी तेजी से बढ़ी है. भीषण गर्मी और कोयले की कमी के चलते उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में बिजली संकट की खबरें सामने आई हैं.
उधर, कोयला संकट को लेकर दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई. साथ ही सत्येंद्र जैन ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर पर्याप्त कोयला सप्लाई की मांग की है. ताकि पावर प्लांट को कोयला उपलब्ध हो सके और उनसे दिल्ली में बिजली सप्लाई की जा सके. दिल्ली सरकार ने चेतावनी दी है कि राजधानी में बिजली आपूर्ति करने वाले पावर प्लांट्स में कोयले की कमी है. ऐसे में मेट्रो ट्रेन और अस्पतालों समेत सभी अहम संस्थानों को बिजली आपूर्ति करने में समस्या आ सकती है.