नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना उच्च न्यायपालिका में जजों की सबसे ज्यादा नियुक्तियां करने वाले देश के मुख्य न्यायाधीश बन गए हैं। अपने एक वर्ष से थोड़ा ज्यादा के कार्यकाल में उन्होंने 100 से ज्यादा जजों की नियुक्तियां हाईकोर्ट में और पांच से ज्यादा नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट में की हैं। उच्च न्यायालयों में जजों की रिक्तियां 411 से घटकर 380 रह गई हैं।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने अप्रैल 24, 2021 को तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबडे का स्थान लिया था, उस समय देश के 24 हाईकोर्टों में जजों की 40 फीसदी (411) से ज्यादा रिक्तियां थीं। पटना हाईकोर्ट समेत कुछ हाईकोर्ट आधे से भी कम क्षमता के साथ काम कर रहे थे। लेकिन जस्टिस रमना ने आते ही कोलेजियम (न्यायाधीशों के चयन के लिए पांच वरिष्ठतम जजों का मंडल) में सर्वसम्मति बनाने के प्रयास किए और जजों की सिफारिशें स्वीकार होने लगीं।
केंद्र सरकार ने उनकी लगभग सभी सिफारिशें मानी और नियुक्तियां कीं। आज यह स्थिति है कि हाईकोर्ट में अब रिक्तियों की संख्या घटकर 380 रह गई है. दिलचस्प बात यह है कि जस्टिस रमना के पूर्ववर्ती जस्टिस एसए बोबडे अपने एक साल के कार्यकाल के दौरान एक भी नियुक्ति नहीं कर पाए थे। हालांकि, उनका पूरा कार्यकाल कोरोना महामारी के दौरान का रहा, लेकिन नियुक्तियों का कोरोना से कोई संबंध नहीं था। कोलेजियम की सर्वसम्मति ही इसमें महत्वपूर्ण मुद्दा था। जस्टिस रमना 26 अगस्त 2022 को सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
जस्टिस रमना ने कॉलेजियम की आखिरी बैठक 25 जुलाई 2022 को आयोजित की थी। उसमें उन्होंने छह हाईकोर्ट के लिए जजों के 35 नामों की संस्तुति सरकार को भेजी। इनमें से आठ नाम न्यायिक अधिकारियों के हैं। इसके बाद उन्होंने एक और बैठक की जो सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों को लाने के लिए थी, लेकिन इसमें सर्वसम्मति नहीं बन पाई। इसके बाद उन्होंने एक और प्रयास 1 अगस्त को किया, लेकिन अन्य चार जज इसके लिए तैयार नहीं हुए।
इस बीच केंद्र सरकार ने उन्हें एक पत्र भेजा और अपने उत्तराधिकारी का नाम संस्तुति करने का आग्रह किया। जस्टिस रमना ने अगले दिन अपने उत्तराधिकारी के लिए जस्टिस यूयू ललित का नाम सरकार को भेज दिया। सरकार को नाम भेजते ही वह कोलेजियम की बैठक से दूर हो गए। जस्टिस ललित 26 अगस्त को देश के अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे।