पांच राज्यों में कौन बनेगा सिकंदर? रुझानों के बीच मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा का आया बयान

Update: 2022-03-10 04:31 GMT

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव UP Election 2022 Result में समाजवादी पार्टी द्वारा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से छेड़छाड़ का आरोप लगाए जाने के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) सुशील चंद्रा ने कहा है कि चुनाव आयोग ने हमेशा पारदर्शिता बनाई है तो ईवीएम से छेड़छाड़ का तो सवाल ही नहीं. सीईसी ने एएनआई को बताया कि यूपी के मुख्य चुनाव अधिकारी ने वाराणसी से एडीएम को इसलिए निलंबित किया क्योंकि उन्होंने प्रशिक्षण के लिए ईवीएम ले जाने की बात राजनीतिक दलों को बताने की प्रक्रिया का पालन नहीं किया था.

उन्होंने कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ का तो सवाल ही पैदा नहीं होता. ईवीएम का 2004 से लगातार प्रयोग हो रहा है. साल 2019 तक हमने प्रत्येक बूथ पर वोटर-वैरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रायल (वीवीपैट) का प्रयोग शुरू कर दिया था. उन्हें देखने के बाद ईवीएम को राजनीतिक दलों के पोलिंग एजेंट के सामने सील किया जाता है और उन्हें हस्ताक्षर लिए जाते हैं.
सुशील चंद्रा ने कहा कि वाराणसी में जिस ईवीएम पर सवाल उठाए गए हैं, वह प्रशिक्षण के लिए थी. एडीएम की गलती यह थी कि उन्होंने प्रशिक्षण के लिए ईवीएम ले जाने की जानकारी राजनीतिक दलों को नहीं दी, जो कि एक मानक प्रक्रिया है. हर ईवीएम का एक नंबर होता है. उन्होंने बताया कि जब राजनीतिक दल के लोग सवाल उठाए तो हमने उन्हें नंबर दिखा दिए तब स्पष्ट हो गया कि ये ईवीएम से चुनाव नहीं कराए गए हैं. इसके बाद वे संतुष्ट हो गए.
उन्होंने बताया कि ईवीएम को त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे में स्ट्रांग रूम में रखा जाता है. वहां सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाती है. स्ट्रांग रूम पर राजनीतिक दलों के एजेंटों की नजर रहती है, तो ईवीएम से किसी भी तरह की छेड़छाड़ का तो सवाल ही नहीं उठता ना ही कोई ईवीएम स्ट्रांग रूम से बाहर ले जाई जा सकती. सीईसी ने कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ का कोई सवाल ही नहीं है. 2004 से लगातार ईवीएम का इस्तेमाल हो रहा है, 2019 तक हमने हर पोलिंग बूथ पर वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) बनाए रखना शुरू कर दिया है.

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