Cheetah Rehabilitation Scheme : वन्यजीवों का नया आशियाना तैयार, अफ्रीकी विशेषज्ञ फरवरी में लेंगे जायजा

मध्यप्रदेश। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी चीता पुनर्वास योजना के तहत देश में चीतों के लिए दूसरा घर तैयार हो गया है। फरवरी में अफ्रीकी विशेषज्ञ यहां की गई तैयारियों का जायजा लेंगे और इसके बाद चीतों का एक नया बैच यहां लाया जाएगा। पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के अतिरिक्त महानिदेशक एसपी यादव ने बताया …

Update: 2024-01-26 01:48 GMT

मध्यप्रदेश। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी चीता पुनर्वास योजना के तहत देश में चीतों के लिए दूसरा घर तैयार हो गया है। फरवरी में अफ्रीकी विशेषज्ञ यहां की गई तैयारियों का जायजा लेंगे और इसके बाद चीतों का एक नया बैच यहां लाया जाएगा। पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के अतिरिक्त महानिदेशक एसपी यादव ने बताया कि कूनो से करीब 275 किमी की दूरी पर स्थिति गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य को चीतों के पुनर्वास के लिए तैयार किया जा रहा है। इसका 90 फीसदी से ज्यादा काम पूरा हो चुका है। उन्होंने बताया कि फरवरी में अफ्रीकी विशेषज्ञ यहां आकर तैयारियों का जायजा लेंगे, उनके संतुष्ट होने के बाद यहां अफ्रीका से चीतों का एक बैच लाकर बसाया जाएगा। यादव ने बताया कि यह अभयारण्य 368 वर्ग किमी क्षेत्र में बना है। इसके अलावा 2,500 वर्ग किमी का अतिरिक्त वन क्षेत्र इसे चारों तरफ से घेरे हुए है।

अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि नामीबियाई चीता ज्वाला ने 20 जनवरी को चार शावकों को जन्म दिया। इससे पहले जनवरी की शुरुआत में, भी एक अन्य नामीबियाई चीता आशा ने तीन शावकों को जन्म दिया। भारत आने के बाद 10 महीने के अंतराल में ज्वाला (सियाया) दूसरी बार मां बनी है।

यादव ने बताया कि अन्य मादाओं की तुलना में ज्वाला ज्यादा जंगली है। वह इंसानों से बचती है और आराम करते समय भी सतर्क रहती है, जो एक विशिष्ट चीता व्यवहार है। ज्वाला पिछले वर्ष मार्च में भी चार शावकों को जन्म दिया इनमें तीन ने पैदा होने के महीने भर के भीतर ही दम तोड़ दिया, उसके एकमात्र जीवित बचे बच्चे को फिलहाल मानवीय देखभाल में पाला जा रहा है।

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