पूर्व इंटरनेशनल क्रिकेट खिलाड़ी के साथ ठगी, आरोपी ने कुल 12 लोगों से 1.34 करोड़ की ठगी
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देश में फैले तमाम ठग बिल्डरों के मकड़जाल की भीड़ में उलझने से भारत का एक पूर्व इंटरनेशनल क्रिकेट खिलाड़ी भी खुद को नहीं बचा सका. महाठग बिल्डर के शिकार हुए इस क्रिकेटर का नाम है चेतन शर्मा फिलहाल जिस बिल्डर ने चेतन शर्मा सहित 12 लोगों को ठगी का शिकार बनाया है, उसे देश की राजधानी दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया है. ठगी के इस मामले की शुरुआत हुई थी अब से करीब 4 चार पहले यानी सन् 2017 में.
बाद में पीड़ितों ने दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध निरोधक शाखा में मुकदमा दर्ज कराया. तब पुलिस की पड़ताल में ठगी के इस बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ. फिलहाल ठगों में से एक मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया गया है. गिरफ्तार ठग बिल्डर का नाम समीश चावला है. शनिवार रात इन तमाम सनसनीखेज तथ्यों की पुष्टि खुद दिल्ली पुलिस आर्थिक अपराध निरोधक शाखा प्रमुख एडिश्नल पुलिस कमिश्नर आरके सिंह ने की है.
एडिश्नल पुलिस कमिश्नर बोले
एडिश्नल पुलिस कमिश्नर के मुताबिक, "53 साल की उम्र का गिरफ्तार ठग बिल्डर अनंत अपार्टमेंट, महरौली दिल्ली का रहने वाला है. आरोपी की गिरफ्तारी सन 2020 में दिल्ली पुलिस आर्थिक अपराध निरोधक शाखा थाने में एफआईआर नंबर 128/20 धारा 406, 420, 120बी पर दर्ज किए गए मुकदमे के सिलसिले में की गई है. आरोपी के खिलाफ मुकदमा मोनिका खट्टर ने दर्ज कराया था. दर्ज मुकदमे में समीश चावला, उसकी पत्नी सीमा चावला और उसके पिता रमेश कुमार चावला को भी नामजद कराया गया था." पीड़िता ने मुकदमा दर्ज कराते वक्त पुलिस को बताया था कि उसके जैसे 12 और भी पीड़ित हैं, जिनके साथ समीश चावला व अन्य आरोपियों ने ठगी को अंजाम दिया है.
दिल्ली पुलिस आर्थिक अपराध निरोधक शाखा प्रमुख एडिश्नल कमिश्नर आर.के. सिंह ने आगे कहा, "शिकायतकर्ताओं और पीड़ितों में पूर्व इंटरनेशनल भारतीय टेस्ट क्रिकेटर चेतन शर्मा का भी नाम शामिल था. इन सभी पीड़ितों से इस ठग बिल्डर कंपनी ने सन् 2017 में वायदा किया था कि अगर वे उससे प्रॉपर्टी का सौदा करते हैं तो वह उन सबको 12 लोगों से 1.34 करोड़ की ठगीमोटा मुनाफा दिलवाएगा. इसी तरह से झूठे वायदे करके आरोपी ठग कंपनी ने पीड़ितों से करीब 1.37 करोड़ रुपए ऐंठ लिए, चूंकि मामला हाइप्रोफाइल ठगी का था. लिहाजा पड़ताल के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया था. इन टीमों का नेतृत्व डीसीपी ईओडब्ल्यू मोहम्मद अली को सौंपा गया था."
ऐसे हुई ठगी और दबोचा गया ठग
जांच टीमों में एसीपी (सहायक पुलिस आयुक्त) रमेश कुमार, सब-इंस्पेक्टर प्रवीन बदसारा, सहायक पुलिस उप निरीक्षक जयपाल, सिपाही बीरपाल को शामिल किया गया था. करीब एक साल चली लंबी तफ्तीश के बाद मुकदमे में लगाए गए आरोप सही सिद्ध हुए. तब मुख्य आरोपी समीश चावला (समेश चावला) को पुलिस टीमों ने गिरफ्तार कर लिया.
समीश चावला को पुलिस ने 5 नवंबर 2021 शुक्रवार को उसके महरौली स्थित अड्डे से गिरफ्तार किया. इसकी पुष्टि भी एडिश्नल पुलिस कमिश्नर आरके सिंह ने की है. पीड़ितों को ठग बिल्डर कंपनी पर शक तब होना शुरू हुआ जब उन्होंने इंवेस्ट की गई रकम पर वायदे के मुताबिक बदले में रिटर्न देना शुरू नहीं किया और तो और जब पीड़ितों ने इस बारे में बात की तो आरोपी मुलजिम बहाने बनाने लगे. यहां तक की जब पीड़ितों को लगा कि बिल्डर के मन में खोट है और अब मुनाफे की बात भूलकर वे अपनी नकद जमा करोड़ों रुपए की रकम ही निकाल लें, तब सब पीड़ित पुलिस के पास पहुंचे.