मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के नाम पर ठगी, तीन छात्राएं हुईं ठगी का शिकार
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कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित गणेश शंकर विद्यार्थी स्मारक चिकित्सा महाविद्यालय (जीएसवीएम) के नाम पर छात्रों को ठगने का सिलसिला लगातर जारी है. सोमवार को मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के फर्जी कागज लेकर दो और छात्राएं क्लास अटेंड करने पहुंच गईं. लेकन जब उनके डॉक्यूमेंट चैक हुए तो वो फर्जी निकले तब उन छात्राओं को खुद के ठगे जाने का पता चला.
हैरानी की यह बात है कि इन छात्राओं के परिजनों से फर्जी गैंग ने लाखों रुपये कॉलेज के अंदर ही वसूले थे. इसके पहले रुड़की की रहने वाले महक सैनी 5 अप्रैल को अपनी बेटी को लेकर कॉलेज आए थे. जब उनकी बेटी ने क्लास में इंट्री करनी चाही थी तो उसके ठगने का खुलासा हुआ था.
इसी तरह सोमवार को भी दो छात्राएं विनम्रता स्नेहा सिंह (दिल्ली से) और शिवानी दस (नगीना से) क्लास अटेंड करने पहुंची थीं. जांच में इनके भी डॉक्यूमेंट फर्जी निकले.
पूछताछ में इन छात्राओं से पता चला कि दिल्ली में ठगों ने विनम्रता के पिता डॉक्टर जसबीर सिंह से 32 लाख और शिवानी के परिजनों से पचास हजार रुपये जीएसवीएम में एडमिशन दिलाने के नाम पर ठगे हैं. तीनों छात्राओं से ठगी में एक कॉमन बात यह है कि इन्हें दिल्ली में ही बुला कर डील की गई फिर कुछ पैसा जीएसवीएम में बुलाकर लिया गया.
मेडिकल कॉलेज की एडमिशन इंचार्ज डॉक्टर सुमन लता का कहना, 'दो छात्राएं सोमवार को मेरे पास क्लास के लिए आईं, तो उनके ठगने का पता चला. उनके डॉक्यूमेंट में मेरे नाम के दस्तखत किए गए थे. पूरे मामले की हमने शासन को रिपोर्ट कर दिया है. हम अपनी तरफ से भी एफआईआर कराने जा रहे हैं.'
छात्राओं का कहना है कि ठगने वाले गिरोह में कोई केके अग्रवाल के नाम व्यक्ति है. वह सबसे डील करता है. ठगी का शिकार हुईं छात्रा का कहना है कि उन्हें जब कॉलेज में इंट्री नहीं मिली तभी वे समझ गई थीं कि उनके साथ ठगी की गई है. वहीं, ज्वाइंट कमिशनर आनंद प्रकाश तिवारी कहना है कि इसमें कोई बड़ा गैंग है. मामले की छानबीन की जा रही है.