चारधाम यात्रा: मौत का आंकड़ा बढ़कर 63 हुआ, जानें लेटेस्ट अपडेट

Update: 2022-05-24 03:37 GMT

देहरादून: उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था का आधार है चार धाम यात्रा. कोरोना काल के दौरान चार धाम यात्रा बंद रहने से सूबे की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचा था. चारधाम यात्रा इस साल निर्धारित समय पर शुरू हुई तो हिंदू धर्म के लोगों में इसे लेकर जबरदस्त उत्साह नजर आ रहा है. 3 मई से शुरू हुई चार धाम यात्रा के दौरान अब तक 9 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा केदार, बद्रीनाथ धाम, गंगोत्री और यमुनोत्री पहुंचकर दर्शन-पूजन किए हैं.

श्रद्धालुओं की तादाद के साथ चारधाम यात्रा के दौरान स्वाभाविक और अन्य कारणों से मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक चारधाम यात्रा के दौरान अब तक 63 श्रद्धालुओं की मौत हुई है. बताया जाता है कि श्रद्धालुओं की मौत के सबसे अधिक मामले केदारनाथ यात्रा के दौरान दर्ज किए गए हैं.
बताया जाता है कि केदारनाथ यात्रा के दौरान कुल 63 में से 30 मौतें हुई हैं. यमुनोत्री में 19, बद्रीनाथ में 12 और गंगोत्री में चार श्रद्धालुओं की मौत हुई है. चारधाम यात्रा के दौरान हुई तीर्थयात्रियों की मौत के पीछे सबसे बड़ी वजह दिल का दौरा पड़ने को बताया जा रहा है. प्रशासन की ओर से हाल ही में ये जानकारी दी गई थी कि चारधाम यात्रा के दौरान जो मौतें हुई हैं, उनमें से अधिकतर के पीछे दिल का दौरा पड़ना वजह रहा है.
भारी बारिश और भूस्खलन के कारण केदारनाथ यात्रा रोक दी गई थी. केदारनाथ धाम के लिए निकले श्रद्धालुओं को सोनप्रयाग और गौरीकुंड में ही रोक दिया गया था. आज मौसम साफ हुआ है. मौसम साफ होने के बाद सोनप्रयाग और गौरीकुंड से यात्रियों के दल को केदारनाथ धाम के लिए रवाना किया गया. जानकारी के मुताबिक करीब आठ हजार श्रद्धालु आज केदारनाथ धाम के लिए रवाना किए गए हैं.
दिल्ली में बारिश बेशक गर्मी से राहत का पैगाम लेकर आई, लेकिन पर्वतीय इलाकों में इस बारिश और बर्फबारी ने लोगों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं. चारधाम यात्रा पर गए श्रद्धालुओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. केदारनाथ धाम के आस-पास तापमान काफी नीचे चला गया है. बर्फबारी हो रही है. भारी बारिश और बर्फबारी से केदारनाथ धाम के आसपास ठंड काफी बढ गई है और पारा माइनस में चला गया है. एक तो कड़ाके की सर्दी ऊपर से ऑक्सीजन की कमी के चलते यात्री दोहरी मुसीबत झेल रहे हैं.
बारिश की वजह से केदारनाथ धाम के रास्ते में जाम भी लग रहा है. सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक फासला महज पांच किलोमीटर है जिसे तय करने में अमूमन 10 मिनट का समय लगता है लेकिन जाम के कारण इसे तय करने में श्रद्धालुओं को दो से तीन घंटे का समय लग जा रहा है. रास्ता काफी संकरा है और इसे जाम की बड़ी वजह बताया जा रहा है. प्रशासन की शटल सेवा से केदारनाथ जा रहे यात्रियों को इससे घंटों परेशानी होती है.
केदारनाथ धाम में सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रही भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) ने श्रद्धालुओं को अलर्ट किया है. आईटीबीपी ने कहा है कि पहाड़ पर जाने से पहले श्रद्धालु विशेष ध्यान रखें. मौसम विभाग ने 24 मई को उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट है. ये अलर्ट खास तौर पर उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमौली, बागेश्वर, पिथौरागढ़ के लिए है. बता दें कि गृह मंत्रालय ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए आईटीबीपी तैनात किया हुआ है. सिर्फ केदारनाथ में आईटीबीपी के 100 से अधिक जवान तैनात हैं.
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