प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन से पहले बड़ी खबर, बदली फोन की कॉलर ट्यून, अब सुनाई देगी यह सूचना
नई दिल्ली: टीकाकरण में अहम पड़ाव पार करने के बाद अब फोन पर दी जाने वाली सूचना भी बदल दी गई है. अब अगर किसी को फोन करेंगे तो पुराने संदेश की जगह सुनाई देगा- नमस्कार,लआप सबके साथ और सबके प्रयास से भारत ने 100 करोड़ टीकाकरण की बेमिसाल उपलब्धि हासिल की है.
कोविन पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार बृहस्पतिवार के दिन रात 8.40 बजे तक कोविड रोधी टीके की 76 लाख से अधिक खुराक लगाई गईं. भारत ने अगस्त में औसतन 59.29 लाख दैनिक खुराक दी, जो सितंबर में 78.69 लाख खुराक तक पहुंच गई.
हालांकि, अक्टूबर में अब तक महीने के पहले 20 दिनों में औसत दैनिक टीकाकरण 46.68 लाख खुराक तक ही रहा. अक्टूबर में दैनिक टीकाकरण में इस गिरावट के चलते गुरुवार की सुबह तक राज्यों के पास 10.85 करोड़ वैक्सीन खुराक का इस्तेमाल नहीं हो पाया था. बीते सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने टीकाकरण अभियान की प्रगति पर समीक्षा बैठक के दौरान राज्यों से टीकाकरण अभियान में तेजी लाने और गति में सुधार करने का आह्वान किया था.
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार कोविड रोधी टीकाकरण अभियान शुरू होने के लगभग नौ महीने बाद 60 वर्ष से ऊपर की लगभग 20 प्रतिशत आबादी को अभी तक पहली खुराक नहीं मिली है. 60 से अधिक आयु वर्ग के लगभग 10.62 करोड़ लोगों को पहली खुराक दी गई है और 6.20 करोड़ लोगों को पूरी तरह से टीका लगाया गया है.
राज्यों के लिए सबसे बड़ी चुनौती सेकेंड डोज कवरेज को बढ़ाना होगा. केंद्र ने सोमवार को राज्यों से कहा कि 'योग्य लाभार्थियों की बड़ी संख्या को दूसरी खुराक नहीं मिली है'. केंद्र ने राज्यों से आग्रह किया है कि वह दूसरी खुराक लगवाने पर भी ध्यान दें. देश की अनुमानित वयस्क आबादी के 74 प्रतिशत को पहली खुराक मिली है, केवल 31 प्रतिशत को ही दोनों खुराक मिली हैं.
बड़े राज्यों में से, केवल पांच में राष्ट्रीय औसत से दूसरी खुराक का कवरेज अधिक है, जिसमें गुजरात (50%), कर्नाटक (44%), राजस्थान (36%), महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश (32%) शामिल हैं, जबकि उत्तर प्रदेश (18%), बिहार (21%), और पश्चिम बंगाल (26%) का औसत कम है.
रिपोर्ट के मुताबिक शीर्ष सरकारी सूत्रों ने कहा कि टीकाकरण अभियान के अगले चरण में राज्यों के साथ-साथ दूसरी खुराक के कवरेज को बढ़ाने के लिए विशेष अभियान तैयार करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. फुल वैक्सीनेशन वाले लोगों की संख्या में बढ़ोतरी जरूरी है, क्योंकि भारत के रियल टाइम आंकड़ों से पता चला है कि मृत्यु दर को रोकने में टीके का असर पहली खुराक के बाद 96.6% थी और दूसरी खुराक के बाद यह बढ़कर 97.5 प्रतिशत हो गई.