चंद्रयान-3: गहरी नींद में सो गए लैंडर और रोवर! NASA ने शेयर की नई तस्वीर

देखें तस्वीर.

Update: 2023-09-06 05:24 GMT
नई दिल्ली: चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सफलतापूर्वक उतरने वाले पहले अंतरिक्ष यान चंद्रयान-3 की नासा ने तस्वीर भेजी है। नासा के लूनर रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर (एलआरओ) ने चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर इतिहास रचने वाली लैंडिंग के चार दिन बाद 27 अगस्त को तस्वीर खींची। नासा ने चंद्रयान-3 के लैंडर की तस्वीर को सोशल मीडिया पर शेयर किया है। बता दें इसरो का मिशन चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम ने 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सॉफ्ट लैंडिंग करने में सफल रहा। इस लैंडिंग के बाद भारत ने इतिहास में अपना नाम दर्ज कर लिया।
चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर 23 अगस्त को उतरा और नासा का लूनर रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर (एलआरओ) चार दिन बाद लैंडिंग स्थल के ऊपर से गुजरा और अपने एलआरओ कैमरे से आसमान से लैंडर विक्रम की तस्वीर क्लिक की।
नासा ने जो तस्वीर शेयर की उसमें चंद्रमा के बनावट वाले परिदृश्य के सामने लैंडर छोटा सा दिखाई दे रहा है। हालांकि, छोटा होते हुए भी विक्रम की मौजूदगी चंद्रमा के सतह पर साफ दिखाई दे रही है। नासा ने लैंडिंग स्थल को एक सफेद मार्क के साथ चिह्नित किया है, और इसके भीतर विक्रम को हल्की घिरी एक अंधेरी छाया में देखा जा सकता है।
कुछ दिन पहले नासा के लूनर रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर (एलआरओ) ने चंद्रमा पर क्रैश हुए रूस के लूना-25 की भी तस्वीर भेजी थी। रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने 21 अगस्त को लूना-25 के क्रैश हो जाने की खबर दी थी। नासा में एलआरओ टीमों ने अगले ही दिन साइट की तस्वीरें खींचने के लिए अंतरिक्ष यान को आदेश भेजे। क्रैश से पहले ली गई तस्वीरों और बाद में ली गई तस्वीरों की तुलना करने पर उन्हें एक छोटा सा नया गड्ढा दिखाई दे रहा है। नासा ने दावा किया है कि यह संभवत: लूना-25 का मलबा हो सकता है।
नासा की मानें तो यह गड्ढा लगभग 57.865 डिग्री दक्षिण अक्षांश और 61.360 डिग्री पूर्वी देशांतर पर लगभग 360 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस खड़े गड्ढे की माप लगभग 10 मीटर है और यह बहुत बड़े पोंटेकुलेंट जी क्रेटर के भीतरी किनारे पर स्थित है। जिस प्वाइंट पर लूना-25 उतरने वाला था, यह गड्ढा वहां लगभग 400 किलोमीटर दूर है।

 

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