आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आने से सर्जरी के क्षेत्र में चुनौती, अधिवेशन संपन्न

Update: 2023-09-25 18:03 GMT
अजमेर। अजमेर जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में शल्य चिकित्सकों के दो दिवसीय राज्य स्तरीय अधिवेशन में कई राज्यों से आए विशेषज्ञ शल्य चिकित्सकों ने अत्याधुनिक तकनीक एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आने से शल्य चिकित्सा क्षेत्र में आई चुनौती पर चर्चा की। शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। मेडिकल कॉलेज के अम्बेडकर सभागार में रविवार को डॉ. सीएस राजन द्वारा क्विज के फाइनल राउंड का संपादन किया गया। जिसमें डॉक्टर प्रियतोष और डा कार्तिक एन. एम्स जोधपुर प्रथम स्थान पर रहे। डॉ दीप्ति एस और डॉक्टर नमन सोनी एसएमएस मेडिकल कॉलेज जयपुर से द्वितीय स्थान पर रहे।
डॉ देबोश्री शर्मा दिल्ली से खाने की नली के कैंसर का दूरबीन से इलाज, मुंबई से प्रख्यात सर्जन निरंजन अग्रवाल और जयपुर के डॉक्टर हेमेंद्र शर्मा ने लेजर का सर्जरी में उपयोग पर व्याख्यान दिया। पीजीआई चंडीगढ़ से डॉक्टर मोनिका बावा ने बच्चों में पित्त की नली की गांठ की सर्जरी पर व्याख्यान दिया। जयपुर के दूरबीन सर्जन डॉ. ए.के. माथुर ने सर्जरी एर्गोनॉमिक्स की महत्ता पर व्याख्यान दिया। जेएलएन अस्पताल के प्लास्टिक सर्जरी विभाग की एचओडी डॉ मधु माहेश्वरी ने बर्न विषय पर अपना व्याख्यान दिया।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में सर्जरी विभाग की विभाग अध्यक्ष डॉ सीमा खन्ना ने विभिन्न प्रकार के स्क्रीन फ्लेप्स पर चर्चा की। एम्स नई दिल्ली में ट्रोमा विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर नरेंद्र चौधरी ने बेसिक्स इन ट्रोमा सर्जरी पर व्याख्यान दिया। एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक भी की अध्यक्षता स्टेट एएसआई प्रेसीडेंट डॉ राजेंद्र मांड्या ने की। संचालन सेक्रेटरी डॉ. एमपी शर्मा ने किया। योग गुरू डॉ. स्वतंत्र शर्मा ने बताया कि शल्य चिकित्सकों को अपनी दिनचर्या में निरंतर योग एवं ध्यान का अभ्यास शामिल करना आवश्यक है। नियमित योग-ध्यान का अभ्यास न केवल तनाव से मुक्त करता है बल्कि कार्यों में उत्कृष्टता भी प्राप्त होती है।
Tags:    

Similar News

-->