सेंट्रल विस्टा निर्माण: HC के फैसले के खिलाफ SC पहुंचे याचिकाकर्ता, 1 लाख रुपए के जुर्माने पर जताई आपत्ति
सेंट्रल विस्टा परियोजना
सेंट्रल विस्टा परियोजना (Central Vista Project) पर रोक लगाने से इनकार करने वाले दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. हाईकोर्ट ने 31 मई को अपने फैसले में कोरोना की वजह से सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर रोक लगाने से इनकार करते हुए याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया था. याचिकाकर्ता अन्या मल्होत्रा और सोहेल हाशमी द्वारा दायर अपील में एक लाख रुपए के जुर्माने पर आपत्ति जताई गई है.
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि मजदूर अगर कंस्ट्रक्शन साइट पर ही रह रहे हों तो उस पर रोक लगाने का सवाल ही नहीं उठता. अदालत ने कहा कि यह प्रोजेक्ट राष्ट्रीय महत्ता से जुड़ा बेहद जरूरी प्रोजेक्ट है. इसे अलग रखकरर नहीं देखा सजा सकता.
याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में कहा है कि हाईकोर्ट में दायर उनकी याचिका पूरी तरह से जन स्वास्थ्य और जन सुरक्षा को लेकर थी लेकिन उसके उद्देश्य को समझा नहीं गया और न ही कोई जांच कराई गई. इस परियोजना को इसलिए रोकने की मांग की गई थी क्योंकि उसमें सुरक्षा के मानदंडों का पालन नहीं हो रहा था. वहां पर कोरोना संक्रमण से बचाव और उसे फैलने से रोकने के पर्याप्त उपाय नहीं किए गए थे.
वहीं दूसरी ओर सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के निर्माण को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर हो रहा है. इसे लेकर सरकार के खिलाफ कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. इन सब के बीच केंद्र ने रविवार को अपने बचाव में कहा था कि सेंट्रल विस्टा मास्टर प्लान की कल्पना कोरोना महामारी के प्रकोप से कई महीने पहले सितंबर 2019 में की गई थी. सेंट्रल विस्टा विकास / पुनर्विकास योजना एक पीढ़ीगत बुनियादी ढांचा निवेश परियोजना है.
2022 तक संसद की नई बिल्डिंग बनाने का लक्ष्य
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल 10 दिसंबर को इस परियोजना की आधारशिला रखी थी. इस प्रोजेक्ट के तहत संसद भवन की नई बिल्डिंग और राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक 3 किलोमीटर के क्षेत्र को नए सिरे बसाया जा रहा है. ये पूरी परियोजना करीब 20,000 करोड़ रुपए की है. संसद भवन की नई बिल्डिंग का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के तहत किया जा रहा है. इस परियोजना पर 971 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है. नया संसद भवन त्रिकोणीय आकार का होगा. साल 2022 में देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस तक इसके तैयार होने की उम्मीद है.