केंद्र सरकार का बयान- #ResignModi को हटाने के लिए fecebook को नहीं दिया गया था कोई निर्देश
वॉल स्ट्रीट जर्नल के आरोप
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: वॉल स्ट्रीट जर्नल के आरोप, जिसमें कहा गया है कि हैशटैग #ResignModi को अस्थायी रूप हटाया गया, पर सरकार ने अपनी स्थिति साफ की है। सरकार ने साफ शब्दों में कहा है कि इसके लिए फेसबुक को किसी भी तरह का निर्देश नहीं दिया गया था।
सरकार ने एक बयान में कहा, "वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक स्टोरी जिसमें सार्वजनिक असंतोष पर अंकुश लगाने के लिए सरकार द्वारा फेसबुक को कुछ खास हैशटैग को हटाने की बात कही गई है। ऐसे आरोप शरारतपूर्ण हैं। सरकार ने इस हैशटैग को हटाने के लिए कोई निर्देश जारी नहीं किया है। फेसबुक ने भी स्पष्ट किया है कि इसे गलती से हटा दिया गया था।"
सरकार ने कहा है, "यह उल्लेख करना उचित है कि 5 मार्च 2021 को भी वॉल स्ट्रीट जर्नल ने एक फेक समाचार प्रकाशित किया था। वॉल स्ट्रीट जर्नल के लिए आधिकारिक खंडन भेजा गया था।"
आपको बता दें कि देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच बेड से लेकर ऑक्सीजन तक की किल्लत हो रही है। ऐसे में सोशल मीडिया पर लोग केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना कर रहे हैं। अलग-अलग तरह के हैशटैग के साथ सरकार को घेरने की कोशिश हो रही है। इसी संदर्भ में फेसबुक पर पीएम मोदी से इस्तीफे की मांग करने वाला एक हैशटैग चला- #ResignModi, मगर बाद में फेसबुक ने इसे कुछ समय के लिए ब्लॉक कर दिया। इस हैशटैग को ब्लॉक करने के मामले ने जैसे ही तूल पकड़ा और यूजरने शिकायत की तो फेसबुक ने अपनी गलती मानी और बाद में फिर इसे बहाल कर दिया।
दरअसल, गुरुवार को फेसबुक उस वक्त विवादो में आ गया, जब उसने हैशटैग, #ResignModi को अस्थायी रूप से ब्लॉक कर दिया। हालांकि, कुछ घंटों बाद इसे फेसबुक ने गलती मानकर बहाल कर दिया। फेसबुक के एक प्रवक्ता ने कहा, हमने गलती से इस हैशटैग को आस्थायी रूप से ब्लॉक कर दिया था। हमें भारत की सरकार ने ऐसा करने को नहीं कहा था। अब इसे रिस्टोर कर दिया गया है।'