केंद्र सरकार ने दिया आदेश, विभागीय- सहकर्मियों की जानकारी बिना इजाजत सार्वजनिक नहीं कर सकेंगे सुरक्षा एजेंसी से रिटायर अधिकारी

विभागीय- सहकर्मियों की जानकारी बिना इजाजत सार्वजनिक नहीं कर सकेंगे सुरक्षा एजेंसी से रिटायर अधिकारी

Update: 2021-06-02 11:58 GMT

खुफिया और सुरक्षा एजेंसी से रिटायर अधिकारी (Retired Officers) विभाग या अन्य दूसरे अधिकारी से जुड़ी बातें अब यूं ही सार्वजनिक नहीं कर सकते. इस तरह की कोई भी जानक़री अब जगजाहिर करने से पहले उन्हें अपने विभाग से उसके चीफ की मंजूरी लेनी पड़ेगी. इस पर कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने 31 मई को आदेश जारी किया है.

डीओपीटी ने अपने आदेश में साफ लिखा है कि ऐसी कोई संवेदनशील सूचना जिससे देश की सुरक्षा और संप्रभुता को खतरा हो सकता है, साथ ही देश की सुरक्षा, कूटनीति, वैज्ञानिक या आर्थिक हितों से जुड़ी कोई सूचना सार्वजनिक करने से पहले डिपार्टमेंट से मंजूरी लेनी होगी.
कार्मिक मंत्रालय ने साफ किया है कि दूसरे देशों के साथ संबंधों से जुड़ी कोई सूचना भी पब्लिक डोमेन में बिना इजाजत नहीं डाली जा सकती. नए आदेश में ये बात स्पष्ट की गई है कि कोई भी सूचना संवेदनशील है या नहीं ये उस डिपार्टमेंट के हेड को तय करना होगा.
कार्मिक मंत्रालय के इस नए आदेश के मुताबिक अधिकारी को अपने पेंशन का फॉर्म भरते वक़्त एक शपथपत्र पर दस्तखत भी भरना होगा जिसमें अधिकारी को इस बात पर हामी भरनी होगी कि वो सर्विस में रहते हुए या रिटायर होते वक्त संस्थान या अनुभव से जुड़ी कोई गोपनीय या आंतरिक जानकारी तब तक प्रकाशित नहीं करेगा,जबतक विभाग का मुखिया इसकी इजाजत नहीं देता है. अगर वो अधिकारी इसकी अनदेखी करेगा तो उसकी पेंशन आंशिक या पूरी तरह से रोकी जा सकती है. 


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