खतरनाक नस्लों के कुत्तों के बैन पर केंद्र सरकार एक्टिव, राज्यों से कही ये बात

बैन की सलाह.

Update: 2024-03-13 02:49 GMT
नई दिल्ली: बीते कुछ सालों में ऐसी कई दर्दनाक घटनाएं सामने आई हैं, जब पालतू कुत्तों ने मालिक या फिर घर के ही किसी सदस्य को काट लिया। ऐसे एक मामले में लखनऊ में तो एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई थी। उसे पालतू पिटबुल ने काट खाया था और अकेला पाकर नोचता रहा था। ऐसे ही कई और हादसे आते रहे हैं, जिनमें सोसायटी में रहने वाले लोगों पर ही कुत्तों ने हमला कर दिया। अब इस मसले पर सरकार भी सक्रिय हो गई है। केंद्र सरकार ने सुझाव दिया है कि पिटबुल, रॉटविलर, टेरियर, वोल्फ डॉग, मास्टिफ्स जैसे विदेशी नस्ल के कुत्तों के आयात, ब्रीडिंग और उनकी बिक्री पर रोक लगा दी जाए।
एक समिति की सिफारिशों के आधार पर केंद्र सरकार ने यह सलाह दी है। समिति का कहना है कि इन विदेश नस्लों के कुत्ते खतरनाक हैं और भारत की परिस्थितियों में उग्र हो जाते हैं। केंद्र की राय है कि इन कुत्तों के अलावा मिक्स और क्रॉस ब्रीड के अन्य कुत्तों पर भी रोक लगाई जाए। राज्यों को लिखे खत में पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने स्थानीय निकायों से अपील की है कि क्रॉस ब्रीडिंग और विदेशी नस्ल के कुत्तों को लाइसेंस या परमिट जारी न करें। इन कुत्तों की बिक्री और ब्रीडिंग पर भी रोक लगाई जाए।
दरअसल दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर एनिमल वेलफेयर बॉडीज और एक्सपर्ट्स की एक कमिटी गठित की गई थी। डिपार्टमेंट का कहना है कि इन नस्लों के जिन कुत्तों को पहले से ही लोग रख रहे हैं, उनकी नसबंदी करानी होगी। ऐसा इसलिए ताकि उनकी नस्ल के और कुत्ते न पैदा हो सकें।
क्रॉस, मिक्स्ड और विदेशी ब्रीड के जिन कुत्तों पर रोक की सिफारिश की गई है, उन कुत्तों में ये शामिल हैं...
- पिटबुल टेरियर
- तोसा इनु
- अमेरिकन स्टेफोर्डशायर टेरियर
- फिला ब्रासीलिरियो
- डोगो अर्जेंटिनो
- अमेरिकन बुलडॉग
- बोएसबोएल
- कनगाल
- सेंट्रल एशियन शेफर्ड
- काकेशियन शेफर्ड
- साउथ रशियन शेफर्ड
- टोनजैक
- सरप्लानिनैक
- जापानी तोसा ऐंड अकिता
- मास्टिफ्स
- रॉटलवियर
- टेरियर
- रोडेशियन रिजबैक
- वोल्फ डॉग्स
- कनारियो
- अकबाश
- मॉस्को गार्ड
- केन कार्सो
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