पीएम पोषण स्कीम के तहत राज्यों को बकाया खाद्यान्न लेने के लिए केंद्र ने 31 मार्च तक का दिया समय
कोरोना संकट के चलते पीएम पोषण स्कीम के तहत आवंटित खाद्यान्न समय पर न ले पाने वाले राज्यों को केंद्र ने एक मौका और दिया है।
नई दिल्ली। कोरोना संकट के चलते पीएम पोषण स्कीम के तहत आवंटित खाद्यान्न समय पर न ले पाने वाले राज्यों को केंद्र ने एक मौका और दिया है। साथ ही ऐसे सभी राज्यों से 31 मार्च तक अपना बकाया खाद्यान्न लेने के लिए कहा है। हालांकि, महाराष्ट्र को छोड़ दें तो बाकी सभी राज्यों को यह राहत सिर्फ दूसरे और तीसरे तिमाही के बकाया खाद्यान्न को लेकर दी है, जिसमें वह 31 मार्च तक दूसरे और तीसरे तिमाही का अपने हिस्से का खाद्यान्न ले सकेंगे। महाराष्ट्र इस दौरान अपनी पहली तिमाही का बकाया खाद्यान्न भी ले सकेगा।
पीएम पोषण स्कीम के तहत राज्यों को यह खाद्यान्न स्कूली बच्चों को मुहैया कराने जाने वाले दोपहर का भोजन के लिए दिया जाता है। यह स्कीम अभी तक मिड-डे मील के नाम से चल रही थी। हाल ही में केंद्र सरकार ने इस स्कीम को नाम बदलते हुए इस पीएम पोषण स्कीम कर दिया। साथ ही इसका दायरा भी बढ़ा दिया है। जिसमें अब प्री-प्राइमरी से आठवीं तक के बच्चों को यह मुहैया कराता जाता है। इस दौरान बच्चों को स्कूल में ही गर्म खाना तैयार कर दिया जाता है। इस स्कीम में प्रत्येक स्कूलों को प्रति बच्चे के हिसाब से कुकिंग कास्ट भी दिया जाता है। इसके अलावा प्रत्येक स्कूल में कुक कम हेल्पर की भी तैनाती है।
केंद्र ने राज्यों को 31 मार्च तक का दिया समय
खासबात यह है कि इस स्कीम के तहत खाद्यान्न केंद्र की ओर से मुहैया राज्यों को सस्ती दरों पर मुहैया कराया जाता है। हालांकि, कोरोना संकट और चुनावी तैयारियों के बीच कई राज्य अपने हिस्से का खाद्यान्न तय समय पर नहीं ले सके थे। जिसके चलते इन कोटा खत्म हो गया था, लेकिन राज्यों की मांग के बाद केंद्र ने राज्यों को अपने हिस्से का खाद्यान्न लेने के लिए एक और मौका देने का फैसला किया। शिक्षा मंत्रालय ने इस संबंध में सभी राज्यों को पत्र लिखकर 31 मार्च 2022 तक अपने हिस्से का खाद्यान्न लेने के लिए कहा है।गौरतलब है कि केंद्र ने राज्यों को यह मौका वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रति तिमाही आवंटित होने वाले खाद्यान्न को लेकर दिया है।